रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
अपना कोई घर- आँगन है
यही सोचना पागलपन है।
ठहर गए थे जिस बस्ती में
वह दो पल का वृंदावन है।
उनके हिस्से महल दुमहले
अपने हिस्से नील गगन है।
पहले घायल पाँव हुए थे
अब तो घायल पूरा तन है।
तन तो साथ चला आया था
पास तुम्हारे मेरा मन है।
-0-अपना कोई घर- आँगन है
यही सोचना पागलपन है।
ठहर गए थे जिस बस्ती में
वह दो पल का वृंदावन है।
उनके हिस्से महल दुमहले
अपने हिस्से नील गगन है।
पहले घायल पाँव हुए थे
अब तो घायल पूरा तन है।
तन तो साथ चला आया था
पास तुम्हारे मेरा मन है।
2
कैसे -कैसे दिन
बेरहम वक़्त ने
हमको दिखाए हैं।
जिनको सींचा था
वे ही मिलकरके
मिटाने आए हैं।
देखना कभी तो
पूरा सच क्या है
तुम ऑंखें खोलकर।
पी गए नफ़रतें
सारे छल फरेब
ईर्ष्या में घोलकर।
बेरहम वक़्त ने
हमको दिखाए हैं।
जिनको सींचा था
वे ही मिलकरके
मिटाने आए हैं।
देखना कभी तो
पूरा सच क्या है
तुम ऑंखें खोलकर।
पी गए नफ़रतें
सारे छल फरेब
ईर्ष्या में घोलकर।
-0-
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अत्यंत मार्मिक , गहरी चोटो से ये वेदना के स्वर निकल सकते हैं | बहुत सत्य और निराशात्मक हैं | 'पन्त ने ठीक लिखा है,"वे मुस्काते फूल नहीं जिन्हें नहीं आता मुरझाना"| चिन्तन करने योग्य रचनाएं हैं | आपको साधुवाद -श्याम हिन्दी चेतना
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण सृजन भैया जी ।
ReplyDelete"पहले घायल पाँव हुए थे/अब तो घायल पूरा तन है"प्रथम गीत में भावुक मन की पीड़ा की सहज अभिव्यक्ति।दूसरे गीत में भी वेदना की गहन अभिव्यक्ति अत्यंत सहज रूप में चित्रित है। सुंदर गीतों हेतु बधाई ।
ReplyDeleteभावुक मन की गहन पीड़ा से उपजी मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति।बहुत सुंदर
ReplyDeleteआप सबका बहुत 0बहुत आभार !
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी बहुत सुन्दर रचनाएँ ।बधाई आपको ।
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी रचनाएं हैं भाई कम्बोज जी |अपना कोई घर आँगन है यही सोचना पागलपन है बहुत खूब | हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteमन छील गए ये शब्द...| बेहद मार्मिक और हृदयस्पर्शी...बहुत बहुत बधाई...|
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति । हार्दिक बधाई हिमांशु भाई
ReplyDeleteउसके हिस्से महल दुमहले
ReplyDeleteअपने हिस्से नील गगन है...
अनुपम, हार्दिक बधाई।
बहुत मार्मिक रचनाएँ, मन को छू गईं...हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर, भावपूर्ण।
ReplyDeleteदोनों रचनाएँ बहुत भावपूर्ण. बधाई भैया.
ReplyDeleteशब्दातीत ... आह से निकला हुआ गीत ।
ReplyDeleteभावपूर्ण सृजन को
सादर नमन ।
ReplyDeleteदोनों रचनाएँ बहुत प्यारी व भावपूर्ण.हार्दिक बधाई आदरणीय!!
ReplyDeleteदोनों रचनाएँ बहुत प्यारी व भावपूर्ण.हार्दिक बधाई आदरणीय!!