सत्या
शर्मा 'कीर्ति'
बुद्ध ना सिर्फ कपिलवस्तु में थे
और
न ही कुशीनारा में ,
बल्कि वे सदैव से थे
मेरे भी मन की सुप्त गुफाओं में
क्योंकि महसूस की है मैंने
भी
वह असहनीय वेदना जो
बूढ़े , बीमार और लाचार को देखकर
उमड़ती है
गरीबों की दयनीयता मुझे भी
झकझोरकरके रख देती है
मृत्यु अनेकों प्रश्न
उठाती है मेरे भी भीतर
हाँ , कई बार सांसारिक सुखों
से ऊबकर मेरा भी मन भर जाता है वितृष्णा से
और चाहती हूँ मैं भी
कभी जागूँ सारी रात
मणिकर्णिका के घाट पर और
निर्बाध जलती चिताओं से
पूछूँ मोक्ष का मार्ग
या/ मोहमाया का त्याग कर
किसी निर्जन गुफा में
लीन हो जाऊँ ब्रह्म साधना में
कई बार रातों की नीरवता में
ब्रह्मसाक्षात्कार की तीव्र
उत्कंठा जाग जाती है मुझमें भी
किन्तु पाती हूँ
स्वीकार नहीं है मुझे बुद्ध होना
मुझे तो ज्ञान की तमाम अनुभूतियों के बाद भी
आकर्षित करती है
सांसारिक मृगतृष्णा
मुझे आकर्षित करते हैं
माया के अनेकों प्रलोभन
तभी तो गहन ज्ञान के उच्च शिखर पर भी
क्षणिक भौतिक सुख
अपनी बाहें पसारे बुलाती है मुझे
और फिर अपने अंदर के बुद्ध
को छोड़ आना चाहती हूँ किसी दिन
उसी बोधिवृक्ष के नीचे
क्योंकि पाया है मुझमें
वह धैर्य नहीं
जो परम् सत्य तक ले चले मुझे
और मैं इसी क्षणिक सुखों
के पीछे चल पड़ती हूँ
कदम दर कदम
अनन्त यात्रा पर।
मेरी कविता को स्थान देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद भैया जी
ReplyDeleteदार्शनिक भाव से पूरित सुन्दर रचना ।बहुत-बहुत बधाई सत्या शर्मा जी।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (20-05-2019) को "चलो केदार-बदरी" (चर्चा अंक- 3341) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
दार्शनिकता के भावों से भरी ये रचना जाने कितनों के लिए वास्तविक धरातल पर भी खरी उतरती है | सचमुच, हम सब के अन्दर कहीं न कहीं एक बुद्ध तो बसते ही हैं...|
ReplyDeleteबहुत बधाई...|
भगवान गौतम बुद्ध के जीवन दर्शन पर केन्द्रित सुन्दर कविता के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद ।
ReplyDeleteआप सभी का हृदय से आभार।
ReplyDeleteआपने मेरी रचना को पसंद किया , लेखनी सफल हो गयी ।
बहुत - बहुत धन्यवाद
भगवन बुद्ध पर सुन्दर शब्दों से परिपूर्ण कविता है हार्दिक बधाई स्वीकारें |
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ReplyDeleteदार्शनिक उजास से दमकता सुन्दर सृजन.....बहुत बधाई सत्या जी आपको !!
बहुत सुंदर सृजन.. हार्दिक बधाई सत्या जी।
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