बे - वजह किसी की वफ़ा को ना टटोला करो,
मन में कोई शक है तो मुँह से बोला करो I
रख दी खोल के किताब सामने दिल की
कभी अपनी किताब का भी वरक खोला करो I
जिन लफ़्ज़ों से शर्मिंदगी उठानी पडती है,
जुबां खोलने से पहले उन्हें तोला करो I
किसी की जिंदगी में दखलअंदाजी अच्छी नहीं,
ख्वामखां किसी को शबनम ना शोला करो I
अमृत नहीं है पास तो कोई बात नहीं,
किसी की जिंदगी में विष भी ना घोला करो I
बाबूराम प्रधान
नवयुग कॉलोनी, दिल्ली रोड़,
बड़ौत (बागपत) उ .प्र. २५०६११
No comments:
Post a Comment