पथ के साथी

Tuesday, December 5, 2017

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स्वप्न सभा में प्रिय तुम आना
डॉ कविता भट्ट

रात्रि-प्रहर की इस स्वप्न सभा में प्रिय तुम आना
सतरंगी विश्राम- भवन से कभी नहीं जाना

आज तक कभी मैंने मन का  द्वार नहीं उढ़काया
अहं-सांकल  न चढ़ाई न ताला कभी लगाया

खुले झरोखे बिछे प्रेम दरीचे सजे  दर्पण
देखो सीढ़ी चढ़कर, खाली राजा का आसन

नवकुसुमित अधर लिये हूँ शोभा तुम्ही बढ़ाना
पदचाप रहित  मंद-मंद पग-पग बढ़ते जाना

युग बीते प्रेम घट रीते,  इन्हें भरते जाना
कभी  रनिवास जीते, षोडश शृंगार सजाना

सप्त सुरों की ध्वनियों में गलबहियाँ पहनाना
रोम-रोम झंकृत हो ऐसा तुम  साज बजाना

         रात्रि-प्रहर की  इस स्वप्न सभा में प्रिय तुम आना
 सतरंगी विश्राम- भवन से कभी नहीं जाना

18 comments:

  1. बहुत ही सुंदर , प्यारी सी भावपूर्ण कविता ।
    हार्दिक बधाई कविता जी

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  2. बहुत ही सुंदर , प्यारी सी भावपूर्ण कविता ।
    हार्दिक बधाई कविता जी

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  3. कविता जी अत्यंत प्रेम आसक्त कविता रची है |युग बीते प्रेम घट रीते ,इन्हें भरते जाना | ख़ूबसूरती से मन भाव शब्दों में पिरोये हैं |बधाई स्वीकारें |

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  4. प्रेम पगी बेहद ख़ूबसूरत रचना !
    हार्दिक बधाई कविता जी 👌👍

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  5. हार्दिक आभार सत्या जी, सविता जी एवं ज्योत्स्ना दीदी।

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  6. प्रेमसिक्त - भावप्रवण अभिव्यक्ति के लिये बधाई लो प्रिय कविता ।

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  7. सुंदर सृजन के लिए हार्दिक बधाई प्रिय सखी ।

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  8. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार ११ दिसंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

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  9. वाह!!!!सुंदर रचना।

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  10. बहुत प्यार भरा प्रेम का निमंत्रण

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  11. बहुत ही सुंदर प्यारी सी कविता प्यार भरा निमंत्रण

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  12. बहुत सुन्दर रचना

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  13. This comment has been removed by the author.

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  14. दिव्य साथी को स्वप्न में प्रेम का आह्वान करती , श्रृंगार रस से भरी अनुपम रचना | ये पंक्तियाँ तो मानो जानलेवा है ---
    युग बीते प्रेम घट रीते, इन्हें भरते जाना
    कभी रनिवास जीते, षोडश शृंगार सजाना
    सप्त सुरों की ध्वनियों में गलबहियाँ पहनाना
    रोम-रोम झंकृत हो ऐसा तुम साज बजाना-------
    अति सुंदर और मनमोहक शब्दावली से सजी इस प्यारी सी रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय कविता जी | सस्नेह

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  15. प्रेम के कोमल भाव जो मन को छू जाएँ, ऐसी प्यारी रचना के लिए मेरी बहुत शुभकामनाएँ...|

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  16. बेहद खूबसूरत...मन को छूनें वाली रचना ..आपको हार्दिक बधाई !

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  17. बेहद खूबसूरत रचना कविता जी ...मन को लुभानें वाली !हार्दिक बधाई आपको इस रचना के लिए !

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