स्वप्न सभा में प्रिय तुम आना
डॉ कविता भट्ट
रात्रि-प्रहर की इस स्वप्न
सभा में प्रिय तुम आना
सतरंगी विश्राम- भवन
से कभी नहीं जाना
आज तक कभी मैंने मन का द्वार नहीं उढ़काया
अहं-सांकल न चढ़ाई न ताला कभी लगाया
खुले झरोखे बिछे प्रेम दरीचे सजे दर्पण
देखो सीढ़ी चढ़कर, खाली राजा का आसन
नवकुसुमित अधर लिये हूँ शोभा तुम्ही बढ़ाना
पदचाप रहित मंद-मंद पग-पग बढ़ते जाना
युग बीते प्रेम घट रीते, इन्हें
भरते जाना
कभी रनिवास जीते, षोडश शृंगार सजाना
सप्त सुरों की ध्वनियों में गलबहियाँ पहनाना
रोम-रोम झंकृत हो ऐसा तुम साज बजाना
रात्रि-प्रहर की इस स्वप्न सभा में प्रिय तुम आना
सतरंगी
विश्राम- भवन से कभी नहीं जाना
बहुत ही सुंदर , प्यारी सी भावपूर्ण कविता ।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई कविता जी
बहुत ही सुंदर , प्यारी सी भावपूर्ण कविता ।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई कविता जी
कविता जी अत्यंत प्रेम आसक्त कविता रची है |युग बीते प्रेम घट रीते ,इन्हें भरते जाना | ख़ूबसूरती से मन भाव शब्दों में पिरोये हैं |बधाई स्वीकारें |
ReplyDeleteप्रेम पगी बेहद ख़ूबसूरत रचना !
ReplyDeleteहार्दिक बधाई कविता जी 👌👍
हार्दिक आभार सत्या जी, सविता जी एवं ज्योत्स्ना दीदी।
ReplyDeleteप्रेमसिक्त - भावप्रवण अभिव्यक्ति के लिये बधाई लो प्रिय कविता ।
ReplyDeleteसुंदर सृजन के लिए हार्दिक बधाई प्रिय सखी ।
ReplyDeleteबेहद ख़ूबसूरत
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार ११ दिसंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
ReplyDeleteवाह!!!!सुंदर रचना।
ReplyDeleteबहुत प्यार भरा प्रेम का निमंत्रण
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर प्यारी सी कविता प्यार भरा निमंत्रण
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteदिव्य साथी को स्वप्न में प्रेम का आह्वान करती , श्रृंगार रस से भरी अनुपम रचना | ये पंक्तियाँ तो मानो जानलेवा है ---
ReplyDeleteयुग बीते प्रेम घट रीते, इन्हें भरते जाना
कभी रनिवास जीते, षोडश शृंगार सजाना
सप्त सुरों की ध्वनियों में गलबहियाँ पहनाना
रोम-रोम झंकृत हो ऐसा तुम साज बजाना-------
अति सुंदर और मनमोहक शब्दावली से सजी इस प्यारी सी रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय कविता जी | सस्नेह
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प्रेम के कोमल भाव जो मन को छू जाएँ, ऐसी प्यारी रचना के लिए मेरी बहुत शुभकामनाएँ...|
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत...मन को छूनें वाली रचना ..आपको हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत रचना कविता जी ...मन को लुभानें वाली !हार्दिक बधाई आपको इस रचना के लिए !
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