पथ के साथी

Saturday, November 11, 2017

776

1- सत्या शर्मा  कीर्ति

हाँ मैंने भी देखा
सूरज निकला
पहाड़ों के पीछे से
और बिखेर दी
जगत पर सुनहरी पीली धूप ।

पहाड़ों पर गिरते सिंदूरी रंग
और राग भैरवी गाती चिड़ियों को।

वो नन्ही -सी ओस की बूँद
जो दूब पर सोई थी
चली गई धरती की गोद में ।

तभी गूँजता है
दुर्गा सप्तशती का
मधुर सस्वर पाठ ।

और समृद्ध हो जाती हूँ मैं
ईश्वर और उसकी रचना से
एकाकार होकर ।।

-0-
2-सीमा जैन
1
 पर्वतों की चोटी,
सागर की तलहटी,
कई जगह थी रहने की,
छुपकर शांति से जीने की।

 ईश्वर जानते थे,
सब देवों को समझते थे,
मै कही भी जाऊँ,
इन्साँसां मुझे खोज ही लेगा।

मुझे चैन से नही रहने देगा,
बस एक ही ठिकाना है,
जहाँ उसे नही आना है,
वो उसका अपना अन्तस् है।

जो बुराइयों को छोड़ते जाते,
मै चमकने लगता हूँ,
सिर्फ उनको ही मिल पाता हूँ।

बहुत कम मुझसे मिल पाते है,
बाहर दौड़ते,
सबको रौंदते,
भटकते है।

मै सबके पास,
पर कुछ,
मुझ तक पहुचतें हैं।
 2
 सूरज से आशा,
चाँद से भाषा,
शब्दों की माला,
है तेरे वास्ते।

तारों की चादर,
लहरों की पायल,
जुगनू ने रास्ते,
बनाये तेरे वास्ते।

रातों में दिए,
हाथों में लिए,
अंधेरे चीर  दूँ,
मैं तेरे वास्ते।

प्यार का पल,
आज और कल,
दिल का सुकून,
बनूँ तेरे वास्ते।

तेरी आँखों में,
तेरी यादों में,
मेरा छोटा-सा घर,
तेरे दिल के रास्ते।

साँसों की डोर,
दुआओं के छोर,
कभी न खाली,
हों तेरे वास्ते।
-0-
सम्पर्क-सीमा जैन, फ्लैट न. 201,संगम अपार्टमेंट ,माधव नगर,ग्वालियर-9
फोन-09479311077,08817711033
ईमेल-seema.jain822@gmail.com

-0-

14 comments:

  1. सुंदर भावपूर्ण कविताएँ,सत्या व सीमा जी को बधाई|

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    1. रचना को पसन्द करने के लिए सादर धन्यवाद आपका

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  2. कीर्ति जी की प्रकृति और ईश्वर की फ़लफ़ाना अभिव्यक्ति । सीमा की कविता में इंसान प्रकृति व ईश्वर की सत्ता की सूफ़ियाना सी कविता है ।दोनों को बधाई ।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका मेरी रचना को पसन्द करने के लिए

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  3. Bahut bahut badhai dono rachnakaron ko khubsurat bhavon ko shabdon men bandhane ke liye.

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    1. बहुत बहुत आभार आपने मेरी रचना पसन्द की

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  4. दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर ।

    सत्या जी ,सीमा जी शानदार सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।

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    1. दिल से धन्यवाद सुनीता जी आपको मेरी रचना पसन्द आई

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    2. दिल से धन्यवाद सुनीता जी आपको मेरी रचना पसन्द आई

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  5. तहे दिल से आभारी हूँ आदरणीय सर आपने मेरी कविता को भी स्थान दिया ।
    साथ ही सीमा जी को भी उनकी बेहतरीन लेखनी के लिए बहुत बहुत बधाई

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  6. सत्या जी, सीमा जी सुंदर रचनाएँ हैं आपकी।

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  7. बढ़िया रचनाएँ ! सत्या जी , सीमा जी को बहुत बधाई !!

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  8. कीर्ति जी एवं सीमा जी को सुन्दर रचनाओं हेतु हार्दिक बधाई

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  9. दोनों रचनाएँ बहुत पसंद आई...। आप दोनों को मेरी बहुत बधाई...।

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