1- मैं
रचूँगा-
प्रियंका गुप्ता
मैं रचूँगा
तुम्हारे नाम पर एक कविता
उकेरूँगा अपने मन के भाव
कह दूँगा सब अनकहा
और फिर
बिना नाम की उस कविता को
कर दूँगा
तुम्हारे नाम
क्योंकि
मैं रहूँ न रहूँ
कविता हमेशा रहेगी
तुम्हारे नाम के साथ...।
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2-कुछ
अलग से लोग
-प्रियंका
गुप्ता
कुछ अलग से लोग
मिल जाते हैं यूँ ही
राह चलते
न तुम्हारे शहर के
न ही अपने से किसी गाँव के
फिर भी
मिलते हैं वो अक्सर
बेसबब, बेमतलब...
दूर होकर भी
चले आते हैं ख्वाबों में
ख्यालों में;
तुम्हारे माथे पर उनकी याद का बोसा
मानो
चुपके से कोई
नींद में आकर रख गया हो
दुआ का कोई फूल
तुम्हारे सिरहाने,
और जाते-जाते
कानों में कह गया हो-
खुश रहना सदा
क्योंकि
तुम मुस्कराते हुए बहुत अच्छे लगते हो
सच्ची...।
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एम.आई.जी-292, कैलाश विहार,
आवास विकास योजना संख्या-एक,
कल्याणपुर, कानपुर-208017(उ.प्र)
ईमेल: priyanka.gupta.knpr@gmail.com
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3-जिंदगी........
परमजीत कौर 'रीत'
गीत शीरीं गा रही है ज़िन्दगी
ख़ुद को यूँ बहला रही है ज़िन्दगी
क्या ,समझ में आ रही है ज़िन्दगी?
रंग बदले जा रही है ज़िन्दगी
वक़्त से बढ़कर सिकंदर कोई अब
रू-ब-रू दिखला रही है ज़िन्दगी
जिन खिलौनों से ये खेले,उनसे ही
तालियाँ बजवा रही है ज़िन्दगी
हौंसले हैं रेज़ा-रेज़ा उड़ने को
फिर भी पर फैला रही है ज़िन्दगी
तीरगी अपना ठिकाना दे बदल
शम्मे-दिल सुलगा रही है ज़िन्दगी
'रीत' बस मासूमियत रखना बचा
चाह धोखे, खा रही है ज़िन्दगी
4- गुज़री
है-
परमजीत
कौर 'रीत'
जीस्त यूँ इम्तिहाँ से गुज़री है
एक चिड़िया तूफां से गुज़री है
बेख्याली में आह निकली जो
क्या बताए,कहाँ से गुज़री है
बात को इक खबर बना देगी
ये हवा जो यहाँ से गुज़री है
ख्वाहिशों की पतंग याअल्लाह!
जब उड़ी कहकशां से गुज़री है
दो किनारों के बीच राख़ बची
बर्क यूँ दरमियाँ से गुज़री है
छोड़ जाती है कुछ निशां अपने
ये कज़ा ,जब जहाँ से गुज़री है
'रीत' परछाइयों को ले काँधे
याद हर ,दिल मकाँ से गुज़री है
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प्रियंका गुप्ता और परम जीत कौर की कविताएँ हर प्रकार से ओजस और सामयिक हैं |दोनों को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteprynkaa jii v shreemti kaur jii ki kavitaayen pdhkr khush ho gaya. Kitni bdee aur ghree baaten kuchh hi shabdon men ek kavitri hi vykt kr sktii hai | yeh Eeshwar kii gift hai ,jo keval unhiin ko miltii hai jinke hraday komal hain aur unhen maanvtaa se pyaar hai. Shiam Tripathi -Hindi Chetna
ReplyDeleteप्रियंका जी एवं परमजीत जी
ReplyDeleteबहुत खूब
अलग अलग भावनाओं.से सजी सुंदर अभिव्यक्ति
भावपूर्ण कविताएँ प्रियंकाजी, परमजीत कौर जी आप दोनों को बधाई
ReplyDeleteप्रियंका जी व परमजीत जी को भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिये बहुत - बहुत बधाई ।
ReplyDeleteEak se badhkar eak rachnayen meri bahut bahut badhai.
ReplyDeleteप्रियंका जी और कौर जी हार्दिक बधाई, सामयिक एवं सुन्दर रचनाओं हेतु /
ReplyDeleteप्रियंका जी वा रीत जी को सुन्दर कविताओं हेतु बधाई |
ReplyDeleteपुष्पा मेहरा
प्यारी रचनाओं के लिए प्रियंका जी को बधाई.
ReplyDeleteसुन्दर रचनाओं के लिए परमजीत जी को बधाई.
बहुत सुंदर रचनाएं... प्रियंका जी, परमजीत जी बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचनाएँ प्रियंका जी,रीत जी ...हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteआप सभी का बहुत आभार...| मुझे यहाँ स्थान देने के लिए आदरणीय काम्बोज जी का दिल से शुक्रिया...|
ReplyDeleteपरमजीत जी को उनकी सुन्दर रचना के लिए मेरी बहुत बधाई...|