पथ के साथी

Thursday, March 23, 2017

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भगत सिंह- श्वेता राय

मेघ बन कर छा गये जो, वक्त के अंगार पे।
रख दिए थे शीश अपने, मौत की तलवार पे।।
वायु शीतल,तज गये जो, लू -थपेड़ो में घिरे।
आज भी नव चेतना बन, वो नज़र मैं हैं तिरे।।
मुक्ति से था प्रेम उनको, बेड़ियाँ चुभती रहीं।
चाल उनकी देख सदियाँ, हैं यहाँ झुकती रहीं।।
मृत्यु से अभिसार उनका, लोभ जीवन तज गया।
आज भी जो गीत बनकर, हर अधर पर सज गया।।
तेज उनका था अनोखा, मुक्ति जीवन सार था।
इस धरा से उस गगन तक, गूँजता हुंकार था।।
छू सका कोई कहाँ पर, चढ़ गए जो वो शिखर।
आज भी इतिहास में वो, बन चमकते हैं प्रखर।।
आज हम आज़ाद फिरते, उस लहू की धार से।
चूमते थे जो धरा को, माँ समझ कर प्यार से।।
क्या करूँ ,कैसे करूँ मैं, छू सकूँ उनके चरण।
देश हित बढ़ कर हृदय से, मृत्यु का कर लूँ वरण।।
कर रही उनको नमन...
खिल रहा उनसे चमन..
छू सकूँ उनके चरण..
-0- शहीद भगत सिंह को नमन
-0-
जब तक जल है  -गिरीश पंकज

जब तक जल है
सब हलचल है
बिन जल के तो
सब निष्फल है
जल वो ही जल
जो निर्मल है
जल बिन सूना
पल-प्रतिपल है
जल है तो फिर
भीतर बल है
ओम चैतन्यशर्मा( सत्या शर्मा जी के पुत्र)
नदी बचे तो
सबका कल है
बूँद -बूँद से
जल का हल है
जल से पंकज
खिला कमल है
-0-


23 comments:

  1. आभार. श्वेता राय की कविता अर्थपूर्ण है।

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  2. शहीद भगत सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करती इस ओजपूर्ण कविता के लिए आपको बहुत बधाई श्वेता जी...|
    गिरीश जी, बहुत सार्थक रचना...मेरी बधाई...|

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  3. रचनाकार द्वय की सार्थक एवं सारगर्भित रचनाओं हेतु बधाई एवं शुभकामनायें

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  4. वैचारिक क्रांति के पुरोधा शहीद भगत सिंह को हार्दिक नमन |श्वेता राय के सार्थक सृजन पर उन्हें कोटिशः साधुवाद | सत्ताओं की दृष्टि में तो आज भी ऐसे शहीद आतंकवादी हैं | संतोष बस इतना है कि जनमानस में उन्हें पवित्र स्थान प्राप्त है |

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  5. श्वेता जी, Bahaut khub...Naman

    Res.Pankaj ji...Reality.....Sunder Srijan

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  6. श्वेता जी की सार्थक लेखनी को नमन बहुत ही उम्दा रचना

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  7. बहुत ही सार्थक और सुंदर रचना गिरीश पंकज जी की

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  8. ओम चैतन्य जी की पेंटिंग प्रकाशित करने के लिए सदर आभार

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  9. ओम चैतन्य जी की पेंटिंग प्रकाशित करने के लिए सदर आभार

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  10. श्वेता जी की सार्थक लेखनी को नमन बहुत ही उम्दा रचना

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  11. This comment has been removed by the author.

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  12. श्वेता राय जी की लेखनी को नमन। सार्थक और उम्दा रचना के लिए हार्दिक बधाई

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  13. श्वेता जी ओजपूर्ण रचना ..जय हिंद

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  14. पंकज जी सार्थक और सन्देश देती रचना बहुत सुंदर हार्दिक बधाई

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  15. बहुत ओजपूर्ण रचना श्वेता जी ..माँ भारती के अमर पुत्रों को नमन ..जय हिन्द !
    सुन्दर ,सार्थक , सामयिक रचना आ गिरीश पंकज जी ..दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!

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  16. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-03-2017) को

    "हथेली के बाहर एक दुनिया और भी है" (चर्चा अंक-2610)

    पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  17. सुन्दर प्रस्तुति

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  18. श्वेता जी ..आ पंकज जी दोनों रचनाकारों को ओजपूर्ण रचना के लिए
    हार्दिक बधाई!!

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  19. बहुत सुन्दर सार्थक रचनायें

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  20. श्वेता जी ... बहुत ख़ूब! नमन भारत माँ के वीर सपूतों को !
    आदरणीय गिरीश पंकज जी ... सुंदर एवं सार्थक रचना !
    आप दोनों को हार्दिक बधाई !!!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  21. बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक रचनाओं के लिए श्वेता जी और पंकज जी को बहुत बहुत बधाई ।

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  22. बहुत सुंदर सारगर्भित रचनाओं के लिए श्वेता जी तथा पंकज जी को बधाई।

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  23. जल है तो कल है- सटीक बात।

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