माँ
1-अनिता
मण्डा
माँ के हैं मौसम कई, गुस्सा ,लाड़, दुलार।
खुद रो देगी डाँट कर, जब आएगा प्यार
-0-
2-
सुशीला श्योराण
1
आले-खूँटी-खिड़कियाँ, चक्की-घड़े-किवाड़।
माँ की साँसें जब थमी, रोये बुक्का फाड़ ।।
2
सदा दुआ-सी साथ है, कब बिछड़ी तू मात।
आदत बनके साथ है, तेरी इक-इक बात ।।
-0-
3-अनिता
ललित
1
ममता के सागर नयन,दिल में पीर अपार
माँ सा कोई ना मिला, धरती-अम्बर पार।।
-0-
4- डॉ०कविता
भट्ट
1
स्वयं काँपती रही ठंड मे गरीब माँ मेरी
जहाँ गीला हुआ बिस्तर वहाँ खुद सोयी
मुझे गर्माहट दी जबकि उसका जीवन था
पूस
की रात –सा पथरीला ठण्डा>
-0-
5-विभा
रश्मि
1
माँ खुशी - गूँज
भोर से रात्रि तक
प्रतिध्वनित होती
कहीं भीतर
प्रेम से वो सींचती
जिला देती बेटी को ।
-0-
6-दुआ-
मंजु मिश्रा
1
माँ हो न हो
उस की दुआ
बंधीं रहती है
ताबीज सी
बच्चों के साथ
2
जरा भी
उदास हुआ तो
इक प्यार भरी
थपकी लगा देती है
माँ की याद !!
-0-
7-मीठी सी याद-सुदर्शन रत्नाकर
मीठी सी याद
अब भी भीतर है
कचोटती है
ठंडे हाथों का स्पर्श
होता है मुझे
हवा जब छूती है
मेरे माथे को।
दूर होकर भी माँ
बसी हो मेरी
मन की सतह में
माँ आँचल तुम्हारी
ममता की छांव का
नहीं भूलता
बड़ी याद आती है
जब बिटिया
मुझे माँ बुलाती है
जैसे बुलाती थी मैं।
-0-
-0-
8-माँ का आँचल- मंजूषा 'मन'
है सलामत मेरे सर पर,
माँ का आँचल जब तलक।
कैसी भी आएं मुश्किलें,
छू न सकेगी तब तक।
ग़म के साये रोज ही हैं,
आते मेरे सामने।
डर के सारे भाग जाते,
मेरी माँ के सामने।
देखते हैं मुश्किल जो ये
मुझे सताए कब
तलक।
है सलामत मेरे सर पर......
हर कदम पर मेरी माँ ने
हौसला मुझे है दिया।
मुझ पे जो आई मुसीबत
अपने सर पे ले लिया।
है दुआ माँ सँग ही रहे
ज़िंदा रहूँ मैं जब तलक।
है सलामत मेरे सर पर
माँ का आँचल जब तलक।
-0-
'मदर्स डे'की हार्दिक शुभकामनायें । माँ अनिता मंडाजी ,सुशीला जी के दोहे ,अनिता ललित जी का दोहा ,कविता भट्ट जी की कविता , मंजू मिश्रा जी की दुआ ,सुदर्शन जी की मीठी सी याद,अनिता मंजूषा मन जी की माँ का आँचल,सभी रचनाएँ माँ की भीनी याद में भीगी सुन्दर रचनाएँ हैं । जिन्होंने आज का दिन सरस व सार्थक कर दिया । सभी को ढेर बधाई । आ.काम्बोज भाई को मेरी पंक्तियों को स्थान देने के लिए आभार ।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 09 मई 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteमदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाओं सहित , " ब्लॉग बुलेटिन की मदर्स डे स्पेशल बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteमदर्स डे पर सभी माताओं बहनों को शुभकामनाएं ।सभी रचनाकारों को भीअपने भाव अभिव्यक्त करने पर बधाई ।
ReplyDeleteसभी को Mothers Day की बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteइतने सुंदर सुंदर भाव जैसे रंग बिरंगे फूल . माँ के मौसम, माँ की दुआ, माँ का आँचल, माँ की याद सब मानों बचपन की गलियों में ले जाते हैं
सादर
मँजु
सभी रचनाकारों को मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteसुन्दर रचनाओं के लिए शुभकामनाएं | ममतामयी रचनाओं को सहज साहित्य के मंच पर साथ लाकर हम सबको सांझा करने के लिए श्री रामेश्वर काम्बोज जी को धन्यवाद |
ReplyDeleteवाह । एक से बढ़ के एक भावपूर्ण रचनाये। अनीता मंडाजी अनीता ललित जी वे सुशीला दी के दोहे कमाल के है । विभा जी ।कविता भट्ट जी सुदर्शन जी मंजु मिश्रा एवं मञ्जूषा मन जी की रचनाये भी मन को छु गयी 😊
ReplyDeleteवाह । एक से बढ़ के एक भावपूर्ण रचनाये। अनीता मंडाजी अनीता ललित जी वे सुशीला दी के दोहे कमाल के है । विभा जी ।कविता भट्ट जी सुदर्शन जी मंजु मिश्रा एवं मञ्जूषा मन जी की रचनाये भी मन को छु गयी 😊
ReplyDeleteमाँ को समर्पित दोहे ,कविताएँ सभी भाव विभोर करने वाली रचनाएँ हैं ... इतनी पावन मनभावन प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई !!
ReplyDeletema pr likha mujhe hamesha hi bhata hai bahut sunder likha hai bhavon ki sarita aaj khoob bahi hai
ReplyDeletebadhai aap sabhi ko
rachana
बहुत सुन्दर, मर्मस्पर्शी भावपूर्ण कविताएँ।
ReplyDeleteआप सभी को ढेर सारी बधाई।
अनीता मंडाजी ,अनीता ललित जी , सुशीला जी,
ReplyDeleteकविता भट्ट जी, सुदर्शन जी, विभा जी, मंजु मिश्रा जी एवं मञ्जूषा मन जी की रचनाये मनभावन साथ ही मर्मस्पर्शी भी ...आप सभी को हार्दिक बधाई !!
बहुत प्यारी और मनभावन रचनाएँ...|
ReplyDeleteसबको मेरी बधाई...|