पथ के साथी

Monday, September 14, 2015

मन हिन्दी मुस्काई !



डॉ ज्योत्स्ना शर्मा


बरस बीतते एक दिवस तो

मेरी सुध आई

मन हिन्दी  मुस्काई ।



गिट-पिट बोलें घर बाहर सब

नाती और पोते

नन्ही स्वीटी रटती टेबल

खाते और सोते

खूब पार्टी घर में अम्मा

बैठी सकुचाई

मन हिन्दी  मुस्काई !



ओढ़े बैठे अहंकार की

गर्द भरी चादर

मान करें मदिरा का छोड़ी

सुधामयी गागर

पॉप,रैम्प के संग डोलती

बेबस कविताई

मन हिन्दी  मुस्काई !



अपनों में अपनापन लगता

झूठा- सा सपना

कहाँ छोड़ आए हो बोलो

स्वाभिमान अपना

गौरव गाथा दीन-हीन की

जग ने कब गाई

मन हिन्दी  मुस्काई !




14 comments:

  1. आदरणीय भैया जी एवम बहन हरदीप जी
    आपको हिंदी दिवस की बहुत सारी शुभकामनाएं ! माँ भारती ने आपके शुभ हाथों में इतना सुन्दर कार्य दिया है ये हिंदी का प्यारा कार्य,दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करे । ।आप लोगों के सारे स्वप्न पूरे हो ! … पुण्य कामना के साथ -
    आदरणीय भैया जी एवम बहन हरदीप जी
    आपको हिंदी दिवस की बहुत सारी शुभकामनाएं ! माँ भारती ने आपके शुभ हाथों में इतना सुन्दर कार्य दिया है ये हिंदी का प्यारा कार्य,दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करे । ।आप लोगों के सारे स्वप्न पूरे हो ! … पुण्य कामना के साथ -



    ज्योत्स्ना जी बहुत सुन्दर कविता ! सच्चाई को उजागर करती। ............. हिंदी दिवस की बधाई ! साथ ही सुन्दर सृजन के लिए भी ढेरों बधाई


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  2. हिंदी दिवस पर सुंदर प्रस्तुति.

    हिंदी दिवस पर आप सभी को अनेकानेक शुभकामनायें.

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  3. हिंदी की पीड़ा को प्रकट करती सुन्दर रचना
    बधाई एवं शुभकामना हिंदी के चिर जीवन हेतु

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  4. आदरणीय भैया जी एवं तीनों सखियों को इस प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत आभार !

    सभी को हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  5. सत्य -वर्णन करती सुंदर प्रस्तुति।

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  6. प्रिय ज्योत्सना जी हिंदी दिवस पर ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई के साथ ही आपको इतने प्यारे भाव लिए ये कविता रचने पर भी बधाई |

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  7. वाह !!मन हिंदी मुस्काई ...!!बहुत सुंदर ज्योत्सना जी !!आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनायें !!

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  8. हिन्दी दिवस आया और चला भी गया हम भारतवासियों को याद तो आता है लेकिन हमारी पीढ़ी को कौन समझाये ।घर के वुजुर्गों के साथ बोलने मे भी उन्हें कठिन लगता है । बोलने पढ़ने की बातें तो पुरानी हो गई हैं न !इस केमान सम्मान की किसी को परवाह नही ।देश में आजकल बच्चों को इंगलिश मीडियम में पढ़ाने में शान समझते हैं ।मातृभाषा के प्रति सम्मान देने की भावना कैसे आ सकती है ।ज्योत्सना जी आप ने बहुत खूब कहा घर बाहर सब गिटपिट करते हैं ।हिन्दी की कविता बहुत अच्छी लगी ।हार्दिक बधाई ।

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  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति ज्योत्सना जी........आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनायें !

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  10. gahan gambheer soch ...hardik badhai...

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  11. वाह! मन हिन्दी मुस्काई … बहुत ही सुंदर गीत सखी ज्योत्स्ना जी !
    आप सभी को 'हिन्दी-दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएँ !

    ~सादर
    अनिता ललित

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  12. हिन्दी दिवस पर बहुत सुन्दर गीत. हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  13. इस स्नेह ,सम्मान और प्रेरक उपस्थिति के लिए आप सभी का बहुत-बहुत आभार !

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  14. बहुत सुन्दर और सार्थक गीत रच डाला है आपने...मानो पूरी सच्चाई आकर आँखों के आगे खड़ी हो गयी हो...|
    हार्दिक बधाई...|

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