1-नवगीत
कब आओगे घन !
डॉ•ज्योत्स्ना
शर्मा
बढ़ते-बढ़ते
आज हो गई
उसकी पीर सघन
बाट जोहती
रही धरा तुम
कब आओगे घन !
सोचा था
महकेगें जल्दी
गुञ्चे आशा
के
समझाया फिर
लाख तू मत गा
गीत निराशा
के
बस में नहीं
मनाना इसको
बिखरा जाए मन
।
उजड़े
बाग़-बग़ीचे सूने
मौसम बदला -सा
तड़की छाती ,खेत ,घूमता
किसना पगला
सा
जोड़-तोड़ कर
चले ज़िंदगी
करता रहा जतन
।
उमड़ी ममता
कब तक रहती
धरती माँ
बहरी
जला हृदय
सागर का ,उसकी
पीर हुई गहरी
टप-टप बरसे
नयन मेघ के
रोया खूब गगन
।
बाट जोहती
रही धरा फिर
लो घिर आए घन
।
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2-कविता
मेघा रे मेघा
गुंजन अग्रवाल
उमड़ते -घुमड़ते झूमते चले आओ रे मेघा
उष्णता धरा की आकर बुझा जाओ रे मेघा
प्यासी है धरा, बूँद -बूँद जल को तरस रही
कोख हो हरी धरा की, जम के बरसो रे मेघा
कारे कारे बदरा दे रहे है बूँदों का प्रलोभन
कण कण धरा का शीतल कर जाओ रे मेघा
बरसो गगन से ऐसे कि भीगे हर तन मन
सजल अँखियों के संग मिल जाओ रे मेघा
हवा भी है व्याकुल उड़ाने को फुहार संग
खुशबू बरसा कृषक - मुख पर मुस्कान लाओ रे मेघा
"गुंजन" का भी मन मचल रहा
भीगूँ सावन में
लगा दो झड़ी सावन
की सजन संग आ जाओ रे मेघा ।
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सुन्दर नवगीत एवं कविता
ReplyDeleteसुन्दर आह्वान गुंजन जी ...हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteमेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार भैया जी !
प्रेरक उपस्थिति हेतु आदरणीय रमेश गौतम जी के प्रति हार्दिक धन्यवाद !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत सुन्दर तलब भरे नवगीत....ज्योत्स्ना जी, गुंजन जी....बहुत बधाई!
ReplyDeleteज्योत्सना जी और गुंजन अग्रवाल जी आप दोनों को सुन्दर नवगीत की रचना के लिए बधाई |दोनों ही गीत धरा की प्यास बुझाने और गर्मी से राहत दिलाने के लिए मेघ बरसने की ओर मन मुग्ध करने की बात कह रहे हैं |हार्दिक शुभकामनाएं |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएँ बधाइयाँ एवं शुभकामनायें दोनों रचनाकारों को
ReplyDeletedono rachanayen bahu sunder hain . jyotsna ji va gunjan ji badhai.
ReplyDeletepushpa mehra.
प्रोत्साहन भरी उपस्थिति के लिए आदरणीया कृष्णा जी , सविता जी , कविता जी एवं पुष्पा मेहरा जी का हृदय से आभार !
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत ही प्यारा, मनमोहक नवगीत... ज्योत्स्ना जी !
ReplyDeleteमेघों को पुकारती सुंदर कविता... गुंजन जी !
हार्दिक बधाई आप दोनों को इस सुंदर प्रस्तुति हेतु !
~सादर
अनिता ललित
Dono hi rachnayen achhi lagin meri hardik badhai...
ReplyDeletebehad prabhaavi navgeet navgeet v kavita ...jyotsna ji v gunjan ji ko hardik badhai ....
ReplyDeletehruday se aabhaar Anita ji ,Bhawna ji evam jyotsna pradeep ji ..bahut shukriyaa !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नवगीत और कविता...बधाई...|
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