मंजु गुप्ता
'' बने
धरती कैसे खुशहाल "
उस पल हुई साँसें बेहाल
कह न पाई अपनी बात
विदा हो गईं ले के
कलाम।
गमगीन आँखें
दें विदाई
देता देश -
विश्व सलामी
देश को समर्पित
जिंदगानी
दे श्रद्धांजलि हर भारतवासी।
अभावों - मुश्किलों
भरी जिंदगी
परिश्रम - सच्चाई
करे बन्दगी
मन तरंगे हालात
से खूब लड़ी
छुई उड़ाने परमाणु
की कामयाबी की।
विशाल सोच , चिंतन
के ध्यानी
थे शिक्षक , आध्यात्मिक
ज्ञानी
आदर्शों , अंतस् प्रज्ञा के धनी
' विंग्स ऑफ फायर ' लोकप्रिय बड़ी।
मानवीय पूँजी
थी बड़ी भारी
बैंक पूँजी
में खाता था खाली
रसीला फलदार वृक्ष सरीखा
विनम्र प्रतिमूर्ति
योगदानोंवाली।
बढ़ाया विश्व में ' अग्नि
' ' पृथ्वी '
से मान
मिला ' मिसाइल मैन ' ; भारत रत्न ' खिताब
लक्ष्य ' बीस हजार बीस ' तक का सपना
करना था देश को विकसित अपना।
चढ़ी रहती अथक कामों
की धुन
सफलता की समृद्धि
सपनों से बुन
किया मेल अध्यात्म
- विज्ञान का
जिया जीवन ' गीता
' - ' कुरान ' - सा
बन राष्ट्रपति बाल
- जन -युवा में बेमिसाल
नई सोच विज्ञान
- चिकित्सा
की बनी मिसाल
सभी परम्परा -
संस्कृतियों में गए थे घुल
रूढ़ियों -
कुरीतियों की तोड़ी अमिट दीवार।
जर्रे - जर्रे को
कर गए खुशहाल
' न
करना मेरे मरने पे अवकाश
करना देशवासियों
दुगना काम '
करेंगी सदा' पीढ़ियाँ उन्हें याद।
-0-
bharat -ratn kalam ke charoNon mein shradhanjali arpit karati kavita unake satkarmon ko batati hui bahut achhi kavita hai. manju ji badhai.
ReplyDeletepushpa mehra.
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 31 जुलाई 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteDr Kalam ko Vinamr Shraddhaanjali arpit karte huye main aapke vicharon ka swagat karta hoon. People come and go but some come here never to go because they keep us inspiring and Dr APJ Abdul Kalam is one among them. Let us keep the torch on and follow his path Manju Gupta ji !
ReplyDeleteअच्छी कविता । बधाई
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि उन महान शख़्सियत को, जिन्होंने अपने हर कार्य से इस देश को, मानवता को गौरवान्वित किया, सभी को सही मार्ग दिखाया।
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
aap sb tk mre mnobhaav aap pahunchane ke lie bhaai Himaanshu ji ka aabhar .guni janon
ReplyDeleteअनिता ललित , अनिता ji , Subhash ji , Digvijay ji , vraishth kvytri Pushpa ji aabhar .
डॉ कलाम को श्रद्धांजलि और नमन
ReplyDeleteदेश के अनमोल रत्न डॉ. कलाम को सादर श्रद्धांजलि ! बहुत सुन्दर रचना से श्रद्धांजलि दी मंजु जी ..नमन !
ReplyDeleteकभी कभी धरती को धन्य करने आती है ऐसी शख्शियत जो अपने कार्यों से मानवता के कल्याण के बारे में सोचे।
ReplyDeleteऐसी ही शख्शियत के धनी भारत रत्न से सम्मानित भूतपूर्व डॉ. कलाम आज़ाद के प्रति श्रद्धांजलि रूप में लिखी कविता
भावपूर्ण है। मेरा भी नमन उन्हें। उन की स्मृति देश वासियों के मन में हमेशा बनी रहेगी । वधायी इस रचना ले लिए मंजु .
देश के गौरव डा० कलाम को विनम्र श्रद्धांजली! बहुत सुन्दर रचना है आपकी मंजु जी!
ReplyDeletevinmr shardhanjali ...bahut bhavpurn rachna ..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भाव कविता है कलाम साहब की श्रंद्धांजलि में।
ReplyDeleteस्वयं शून्य
sundar shraddhanjali, kalam ji ko,
ReplyDeletekavita bhatt
mujhe protsaahit krne ke lie aap sab gnmaany vidwaanon ko aabharr .
ReplyDeleteमहर्षि कलाम जी के अंतिम शब्द थे "बने धरती कैसे खुशहाल" मंजु गुप्ता जी ने बहुत ही सुन्दर शब्दों में महर्षि कलाम जी को श्रध्दा सुमन अर्पित किए हैं.हजारों साल में ऐसे व्यक्तित्व धरती पर अवतार लेते हैं.कलाम जी आबाल वृद्ध सभी के लिए प्रेरणा के पुंज थे हैं और रहेगें.
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी...| मेरे श्रद्धा-सुमन उस महान शख्सियत को...|
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