पथ के साथी

Wednesday, August 21, 2013

शुभकामनाएँ !

शुभकामनाएँ हमारी ऊर्जा हैं ,शक्ति हैं! आज के दिन निश्चय करें कि सब एक -दूसरे के लिए  सहायक बने , सहयोगी बनें!!
1-अनिता ललित
मेरे प्यारे भैया!
मैं हुई निहाल....
पाकर आप -सा
भाई महान !
आपका स्नेह,
आपका आशीष
है अनमोल
मेरे लिए!
ये बंधन न्यारा
सबसे प्यारा
जो बाँधे दिलों को
प्रेम-डोर से
समाया जिसमें,
आस-विश्वास का,
निःस्वार्थ प्यार का
लौकिक भाव!
सदा रहे..
आपका साया...
मेरे जीवन पर!
आपका जीवन हो...
सुख-शांति ,सौभाग्य
अच्छे स्वास्थ्य,
से परिपूर्ण,
रचनाधर्मिता बढ़े भरपूर!
इस छोटी बहन की..
ढेरों दुआएँ..
रहेंगी सदा
आपके संग!
ये पावन प्रेम की
मधुर धारा...
सदा ही बहे..
सदा ही महके ..
ये नेह का बंधन...
हम दोनों के बीच..!
-0-
2-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
मेरी बहना
तुम हो सातों जन्मों का
सबसे बड़ा गहना ।
मुझे जो मिला सम्मान
सब धन हो गए
धूलि समान
प्यार की अनुभूति से
रोम –रोम हर्षाया
सुरभि का दरिया
ज्यों घर-आँगन में
उतर आया।
जब तक हो साँस
कुछ करूँ ऐसा कि
हर बहन का
दृढ़ हो विश्वास।
पावनता बहे
मन के द्वार
न हो कभी दु:ख का
तनिक भी आभास।
जीवन में कुछ ऐसा
मैं कर जाऊँ
उजाला लाऊँ
 सुरभि फैलाऊँ
धूप कीआँच
 तुम तक न आए
पथ में सुमन
खिल-खिल जाएँ!

-0-

9 comments:

  1. मेरी बहना
    तुम हो सातों जन्मों का
    सबसे बड़ा गहना ।
    मुझे जो मिला सम्मान
    सब धन हो गए
    धूलि समान
    प्यार की अनुभूति से
    रोम –रोम हर्षाया
    सुरभि का दरिया
    ज्यों घर-आँगन में
    उतर आया।

    नमस्ते भाईसाहब , शुभकामनाओ से रोम रोम पुलकित हुआ है , शब्द शब्द स्नेह पग में डूबा हुआ है , बहुत ही सुन्दर शुभकामनाये ,सुन्दर सृजन हेतु हार्दिक बधाई

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  2. भैया... निःशब्द हैं हम....
    आपका स्नेह सिर-आँखों पर...!
    एक बार फिर...."रक्षा-बंधन की हादिक शुभकामनाएँ !" :-)

    ~सादर!!!

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  3. दोनों चोका बहुत ही भावपूर्ण और स्नेह से सराबोर हैं । आप दोनों को इस स्नेह पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ !

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  4. bahut sundar shubh kaamnaao ke liye dhero dhanyvaad

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  5. पुलकित हो गया मन ये शुभकामनाएँ देख कर...बहुत बहुत शुभकामनाएँ और बधाई...|
    आदरणीय कम्बोज जी का आशीर्वाद हमेशा बना रहे हम सब पर...बस यही दुआ है...|

    प्रियंका

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  6. बहुत सुन्दर और कोमल अभिव्यक्ति।

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  7. राखी जो भेजी ॥
    है रेशम की डोरी ...
    स्नेह से भारी ...

    जग से न्यारा ....
    मेरी आँखों का तारा ...
    है भाई मेरा ...

    बाट जोहती ...
    नित आशा सँजोती .....
    एक बहना ... ....

    आया सावन ....
    चहका है आँगन ....
    रेशम डोरी ...


    बड़े हैं भैया ...
    करूँ सादर नमन ....
    रक्षा बंधन ....


    राखी है मेरी ...
    नहीं मिथ्या बंधन ...
    टीका चन्दन ....

    छोटा है भाई ....
    आशीष से भर दूँ ॥
    अंगना तेरा ...

    भैया आपसे व भाभी से बात तो हो ही गई थी .....आज पुनश्च राखी की अनेक अनेक शुभकामनायें .....

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....आभार ....!!

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  8. Bahut sundar ...bahut 2 badhai...

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  9. बहुत बहुत सुन्दर आयोजन ...सुन्दर भावाभिव्यक्ति अनीता जी ....और ऐसे भैया जी के प्रति हर दिन हर पल बहुत बहुत शुभ कामनाएँ !!

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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