शुभकामनाएँ हमारी
ऊर्जा हैं ,शक्ति हैं! आज के दिन निश्चय करें कि
सब एक -दूसरे के लिए सहायक बने , सहयोगी बनें!!
1-अनिता ललित
मेरे प्यारे भैया!
मैं हुई निहाल....
पाकर आप -सा
भाई महान !
आपका स्नेह,
आपका आशीष
है अनमोल
मेरे लिए!
ये बंधन न्यारा
सबसे प्यारा
जो बाँधे दिलों को
प्रेम-डोर से
समाया जिसमें,
आस-विश्वास का,
निःस्वार्थ प्यार का
अलौकिक भाव!
सदा रहे..
आपका साया...
मेरे जीवन पर!
आपका जीवन हो...
सुख-शांति ,सौभाग्य
अच्छे स्वास्थ्य,
से परिपूर्ण,
रचनाधर्मिता बढ़े भरपूर!
इस छोटी बहन की..
ढेरों दुआएँ..
रहेंगी सदा
आपके संग!
ये पावन प्रेम की
मधुर धारा...
सदा ही बहे..
सदा ही महके ..
ये नेह का बंधन...
हम दोनों के बीच..!
-0-
मेरी बहना
तुम हो सातों
जन्मों का
सबसे बड़ा गहना ।
मुझे जो मिला
सम्मान
सब धन हो गए
धूलि समान
प्यार की
अनुभूति से
रोम –रोम
हर्षाया
सुरभि का दरिया
ज्यों घर-आँगन
में
उतर आया।
जब तक हो साँस
कुछ करूँ ऐसा कि
हर बहन का
दृढ़ हो विश्वास।
पावनता बहे
मन के द्वार
न हो कभी दु:ख
का
तनिक भी आभास।
जीवन में कुछ
ऐसा
मैं कर जाऊँ
उजाला लाऊँ
सुरभि फैलाऊँ
धूप कीआँच
तुम तक न आए
पथ में सुमन
खिल-खिल जाएँ!
-0-
मेरी बहना
ReplyDeleteतुम हो सातों जन्मों का
सबसे बड़ा गहना ।
मुझे जो मिला सम्मान
सब धन हो गए
धूलि समान
प्यार की अनुभूति से
रोम –रोम हर्षाया
सुरभि का दरिया
ज्यों घर-आँगन में
उतर आया।
नमस्ते भाईसाहब , शुभकामनाओ से रोम रोम पुलकित हुआ है , शब्द शब्द स्नेह पग में डूबा हुआ है , बहुत ही सुन्दर शुभकामनाये ,सुन्दर सृजन हेतु हार्दिक बधाई
भैया... निःशब्द हैं हम....
ReplyDeleteआपका स्नेह सिर-आँखों पर...!
एक बार फिर...."रक्षा-बंधन की हादिक शुभकामनाएँ !" :-)
~सादर!!!
दोनों चोका बहुत ही भावपूर्ण और स्नेह से सराबोर हैं । आप दोनों को इस स्नेह पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ !
ReplyDeletebahut sundar shubh kaamnaao ke liye dhero dhanyvaad
ReplyDeleteपुलकित हो गया मन ये शुभकामनाएँ देख कर...बहुत बहुत शुभकामनाएँ और बधाई...|
ReplyDeleteआदरणीय कम्बोज जी का आशीर्वाद हमेशा बना रहे हम सब पर...बस यही दुआ है...|
प्रियंका
बहुत सुन्दर और कोमल अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteराखी जो भेजी ॥
ReplyDeleteहै रेशम की डोरी ...
स्नेह से भारी ...
जग से न्यारा ....
मेरी आँखों का तारा ...
है भाई मेरा ...
बाट जोहती ...
नित आशा सँजोती .....
एक बहना ... ....
आया सावन ....
चहका है आँगन ....
रेशम डोरी ...
बड़े हैं भैया ...
करूँ सादर नमन ....
रक्षा बंधन ....
राखी है मेरी ...
नहीं मिथ्या बंधन ...
टीका चन्दन ....
छोटा है भाई ....
आशीष से भर दूँ ॥
अंगना तेरा ...
भैया आपसे व भाभी से बात तो हो ही गई थी .....आज पुनश्च राखी की अनेक अनेक शुभकामनायें .....
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....आभार ....!!
Bahut sundar ...bahut 2 badhai...
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर आयोजन ...सुन्दर भावाभिव्यक्ति अनीता जी ....और ऐसे भैया जी के प्रति हर दिन हर पल बहुत बहुत शुभ कामनाएँ !!
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा