डॉoसुधा गुप्ता जी के हाइकु
[आज आप 78 वर्ष पूरे करके 79 वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं ।सभी सहृदय रचनाकारों की अशेष शुभकामनाओं आपके साथ हैं ]
1
काँटों की खेती
जीवन जोत दिया
चुभे तो रोती ?
2
मेघ मुट्ठी में
क़ैद चाँद , फिसला
निकल भागा ।
3
कौन पानी पी
बोलती री चिड़िया
इतना मीठा !
4
पूनो की रात
चाँद ने बहकाया
लहरें उड़ीं ।
5
गुल्लक फोड़
चुलबुली रात ने
बिखेरे सिक्के ।
6
धुली चादर
चटक चाँदनी की
बैठे हैं तारे ।
7
धुआँ चिलम
नशाखोर शाम ने
लगाया दम ।
8
फूलों का सही
टूट गई कमर
बोझ उठाते ।
9
काली चादर
उजाले के फूल से
काढ़ती रात ।
10
धूप से डर
पीली छतरी ओढ़े
खड़ा वैशाख ।
11
बेसुध पड़ी
नींद के घोंसले में
पाखी -बिटिया ।
12
यादों की लोई
खूँटी पर टँगे-टँगे
कीड़े कुतरी ।
( चुलबुली रात ने-हाइकु संग्रह-2006)
जन्मदिन की शुभकामनायें, सुन्दर हाइकू..
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
--
सुधा जी को जन्मदिन को शुभकामनाएँ!
waah bahut acchi prastuti...sudha ji ko janamdin ki bhut bhut shubhkamna....
ReplyDeletebahut behtar prasturi...
ReplyDeleteआदरणीय सुधा जी ,
ReplyDeleteजन्म दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ !
आप सदा स्वस्थ रहें ! आपकी कलम यूँ ही हमारा मार्ग दर्शन करती रहे !
आपके सभी हाइकु लाजवाब है , सटीक और गहन भाव लिए हुए |
गुल्लक फोड़
चुलबुली रात ने
बिखेरे सिक्के ।
कितने सुंदर बिम्ब का प्रयोग किया है ,
आपकी लेखनी को प्रणाम !
हरदीप
सुधा जी को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसुधा जी के हाइकु में बिम्ब बहुत अनोखे और मनमोहक होते हैं...
गुल्लक फोड़
चुलबुली रात ने
बिखेरे सिक्के ।
यादों की लोई
खूँटी पर टँगे-टँगे
कीड़े कुतरी ।
सभी हाइकु बहुत सुन्दर, बधाई.
bahut hi sundar haaiku...
ReplyDeleteसुधा जी के तांका, हाइकु सभी बेहतरीन और उच्च स्तर लिए हैं । इनकी रचनाओं से बहुत प्रेरणा मिलती है। देर के लिए क्षमा मगर सुधा जी मगर आपके लिए दिल में बहुत श्रद्धा और सम्मान है! आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहें प्रभु से यही प्रार्थना है! आमीन!
ReplyDeleteकल 19/06/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
सुधा जी के हाइकु बहुत सुंदर हैं ...
ReplyDeleteसुधा जी के हाइकु पढ़े ।अच्छे लगे । बधाई । बहुत पहले मेरठ की एक गोष्ठी में उन के दर्शन
ReplyDeleteकिये थे । समय कितनी तेज़ दौड़ता है ।