यही जीवन दर्शन है .....सच और सिर्फ सच!
बहुत सुंदर रचना ! दिल को छू लिया भाई साहब !~अक्सर देखा है..वही दिल को चोट पहुँचाते हैं...जो हमारे दिल के बहुत क़रीब होते हैं...~-सादर !!!
बहुत खूब..
बेहद बढ़िया
उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
जीवन के दोनों पक्ष ....कुछ खोना कुछ पाना ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...!!सादर ...ज्योत्स्ना शर्मा
kamboj ji bahut umda abhivyati , badhai aapko
जीवन का यथार्थ दिखाती सुंदर रचनाएँ। "जीवन में कुछ मिल जाते हैंयूँ ही चलते-चलते ।जैसे मिलती धूप सुहानीसूरज ढलते -ढलते ।"यह तो लाजवाब !
अकल्पित रचना बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...बहुत बधाईसादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...जीवन में कुछ मिल जाते हैंयूँ ही चलते-चलते ।जैसे मिलती धूप सुहानीसूरज ढलते -ढलते ।...सादर बधाई !!
बहुत सुंदर लिखा है ...!!
संवेदनापूर्ण अभिव्यक्ति, शुभकामनाएं.
bhaiya in panktiyon me jeevan ka vo darshan hai jo shayad sab ko nahi samjh aaya hai bahut gahri baten hain badhairachana
जीवन में कुछ मिल जाते हैंयूँ ही चलते-चलते ।जैसे मिलती धूप सुहानीसूरज ढलते -ढलते ।bahut pyari abhivayakti hai bahut2 badhai...
यही जीवन की सच्चाई है...|इन सुन्दर पंक्तियों के लिए बधाई...|प्रियंका
यही जीवन दर्शन है .....सच और सिर्फ सच!
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ! दिल को छू लिया भाई साहब !
ReplyDelete~अक्सर देखा है..
वही दिल को चोट पहुँचाते हैं...
जो हमारे दिल के बहुत क़रीब होते हैं...~
-सादर !!!
बहुत खूब..
ReplyDeleteबेहद बढ़िया
ReplyDeleteउम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteजीवन के दोनों पक्ष ....कुछ खोना कुछ पाना ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...!!
ReplyDeleteसादर ...ज्योत्स्ना शर्मा
kamboj ji bahut umda abhivyati , badhai aapko
Deleteजीवन का यथार्थ दिखाती सुंदर रचनाएँ।
ReplyDelete"जीवन में कुछ मिल जाते हैं
यूँ ही चलते-चलते ।
जैसे मिलती धूप सुहानी
सूरज ढलते -ढलते ।"
यह तो लाजवाब !
अकल्पित रचना बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...बहुत बधाई
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteजीवन में कुछ मिल जाते हैं
यूँ ही चलते-चलते ।
जैसे मिलती धूप सुहानी
सूरज ढलते -ढलते ।...सादर बधाई !!
बहुत सुंदर लिखा है ...!!
ReplyDeleteसंवेदनापूर्ण अभिव्यक्ति, शुभकामनाएं.
ReplyDeletebhaiya in panktiyon me jeevan ka vo darshan hai jo shayad sab ko nahi samjh aaya hai bahut gahri baten hain
ReplyDeletebadhai
rachana
जीवन में कुछ मिल जाते हैं
ReplyDeleteयूँ ही चलते-चलते ।
जैसे मिलती धूप सुहानी
सूरज ढलते -ढलते ।
bahut pyari abhivayakti hai bahut2 badhai...
यही जीवन की सच्चाई है...|
ReplyDeleteइन सुन्दर पंक्तियों के लिए बधाई...|
प्रियंका