पथ के साथी

Monday, August 22, 2011

कृष्ण की प्रतीक्षा


कमला निखुर्पा

कान्हा तुम आ जाओ ना
बीत गयी हैं कितनी सदियाँ
बाट जोह रही धुँधली अंखियाँ
यमुना तट पर उसी विटप पर
धुन मुरली की सुनाओ ना।
कान्हा तुम आ जाओ ना।

जनमन का मधुबन सूना है
ब्रज की गलियाँ तुम्हे पुकार रहीं
कालियनाग हैं कदम-कदम पर
ये कालिंदी भी पल-पल सूख रही।
यमुना-तीरे फ़िर ग्वाल-बाल संग
कंदुक-क्रीड़ा दिखाओ ना।
कान्हा तुम आ जाओ ना

भूखा है कब से सखा सुदामा
हैं कंस ने खुशियाँ छीनी हैं,
आज राधिका सहमी -सी है,
दुष्ट पूतना हँसती है।
ग्वाल बाल संग उसी गोकुल में
आकर मटकी तोड़ो ना।
कान्हा तुम आ जाओ ना


हर गली बन गयी इंद्रप्रस्थ
हर चौराहे पर है महाभारत
दुर्योधन ने पहना अभेद कवच
हर अर्जुन हुआ है मोहग्रस्त
पांचजन्य का जयघोष सुना
तुम मोहभंग कर दो ना।
जो भूल चुके इतिहास उन्हें
गीता का ज्ञान सिखा दो ना।
कान्हा तुम आ जाओ ना
-0-
कमला निखुर्पा ,देहरादून
22-08-2011

12 comments:

  1. कमला निखुर्पा जी,
    बहुत अच्छा लिखा है|
    बधाई,जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  2. वाह सुंदर ...बहुत सुंदर भाव ....

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  3. जन्माष्टमी पर कमला जी का 'कान्हा' को लेकर लिखा गीत अच्छा लगा। बधाई और जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।

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  4. बहुत ही खुबसूरत भावो से रची रचना....

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  5. वाह ………बहुत सुन्दर और सटीक आह्वान्।

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  6. हर गली बन गयी इंद्रप्रस्थ
    हर चौराहे पर है महाभारत
    दुर्योधन ने पहना अभेद कवच
    हर अर्जुन हुआ है मोहग्रस्त
    पांचजन्य का जयघोष सुना
    तुम मोहभंग कर दो ना।
    sunder geet man bhaya
    rachana

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  7. भूखा है कब से सखा सुदामा
    हैं कंस ने खुशियाँ छीनी हैं,
    आज राधिका सहमी -सी है,
    दुष्ट पूतना हँसती है।
    ग्वाल बाल संग उसी गोकुल में
    आकर मटकी तोड़ो ना।
    कान्हा तुम आ जाओ ना...
    बहुत अच्छी रचना . मन को मोह गयी यह रचना प्यारी

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  8. बहुत अच्छी रचना . मन को मोह गयी यह रचना प्यारी

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  9. बहुत ही उम्दा रचना | साथ में प्रेरक भी |

    कृपया मेरी भी रचना देखें और ब्लॉग अच्छा लगे तो फोलो करें |
    सुनो ऐ सरकार !!

    और इस नए ब्लॉग पे भी आयें और फोलो करें |
    काव्य का संसार

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  10. अब तो आ जाओ कान्हा।

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  11. अब तो आ जाओ कान्हा बहुत सुंदर भाव बहुत अच्छी रचना लिखा है । बधाई और श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
    SUNIL D YADAV

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  12. bahut sundar rachna......aur bahut prerak.

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