रचना श्रीवास्तव
1
पलाश -फूल
खिले,घाटियों का
सजा आँगन
2
लालिमा पलाश की
दोनों ही जून
3
मले हवाएँ
सूरज के गाल पे
टेसू के फूल

मौसम बैठे
खटिया, हाथ लिये
पलाश फूल
5
जंगल -आग
है या प्रेम प्रतीक
पलाश फूल
6
धूप छुए जो
पलाश के फूलों को
हो जाये लाल
7
हवाएँ खेलें
ये गुट्टक पलाश
के फूलों पर
8
टेसू के रंगों
से, सूरज सजाये
माँग रात की ।
-0-
पलाश के फूल जैसी... मन मोहक क्षणिकाएं ...!!
ReplyDeleteअनुपमा जी आभार !ये हाइकु हैं 5+7+5=3 ।पंक्तियाँ और 17 वर्ण
ReplyDeletebahut hi sunder palash ke phoolon jaisi man mohak haikuu.bahut achcha laikha hai aapne badhaai.sweekaren.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाईकू ..
ReplyDeleteपलाश फ़ूल
खिल गए सबके
मन मन में
पलाश फूल पर रचना जी के ये हाहकु उत्तम हैं।
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (27-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
बहुत सुन्दर..
ReplyDeletePRAKRITIK SAUNDARY KO KAVITA ME ROOPAYIT KARTE SUNDAR HAAIKOO.
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