दो अक्टूबर और बापू
बापू ने हमें आज़ादी दी
लेकिन हमने क्या किया
उनका एक एक सपना
सिरे से नकार दिया ।
सिर्फ दो अक्टूबर को
एक दिन माला पहनाकर
उनको याद करने भर से
जिम्मेदारी पूरी नहीं होत। ।
सच में उनको मान देना है तो
चलो आज कसम खाओ,
उनके मूल्यों को जिन्दा करेंगे
समझेंगे और उन पर चलेंगे ।
राजनीति कुर्सी के लिए नहीं
देश हित के लिए करेंगे
अन्याय और भ्रष्टाचार
सहन नहीं करेंगे ।
सत्य और अहिंसा पर
भरोसा करेंगे,
एक दिन में ना सही
पर फल जरूर मिलेंगे ।
जिस दिन हम
ईश्वर और अल्ला को
एक नज़र से देख सकेंगे
उस दिन हम सही मायनों में
बापू के भक्त बनेंगे ।
मंजु मिश्रा
गाँधी जी शत शत नमन इसी लिए तो आज का दिन है स्मरणीय है
ReplyDeleteसही और सच्ची सोच. गाँधी को जीवित रखना है तो उनके दर्शन को अपनाना होगा.
ReplyDeleteEakdam sach kaha...sundar rachna..badhai
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ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDeleteजब हमारे ...
ईश्वर और अल्ला
एक होंगे...
हम सब एक होंगे !!
बिल्कुल सही...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDeleteपूरी तरह सहमत....
गाँधी जी पर सुन्दर रचना...बधाई.
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