पथ के साथी

Thursday, July 12, 2007

वफ़ादारी

वफ़ादारी

‘द्रौपदी ,भीम अर्जुन ,नकुल ,सहदेव सब एक-एक करके बर्फ़ में गल गए और पीछे छूट गए ।तुम कब तक साथ चलोगे ?लौट जाओ। अभी समय है।’युधिष्ठिर ने अपने साथ चलने वाले कुत्ते से कहा ।
कुत्ता गम्भीर हो गया –‘मैं ऐसा नहीं कर सकता ,बिरादरी में बहुत बदनामी होगी ।’
‘इसमें बिरादरी की बदनामी क्या होगी ?’युधिष्ठिर ने पूछा ।
‘सब कहेंगे-आदमी के साथ रहकर वफ़ादारी छोड़ दी ।’