मर्मस्पर्शी लघुकथा। संवेदनशील व्यक्ति की संवेदनाओं के चित्रण के के साथ आपने दोगले व्यक्तियों के चेहरे से भी मुखौटे उतारे हैं जो दूसरों को जीने नहीं देते। बधाई सुदर्शन रत्नाकर
भैया पहले भी यह लघुकथा पढ़ी थी जितना मन विचलित तब हुआ था आज दुबारा पढ़ने पर भी आँखें नम हैं। किन शब्दों से प्रशंसा करूँ ? यह लघुकथा सराहना से बहुत ऊपर, कालजयी कृति है। आपकी लेखनी को नमन 🙏
आह ! भी और वाह! भी। अत्यंत मर्मस्पर्शी लघुकथा आदरणीय भैया जी! नमन आपको एवं आपकी लेखनी को।
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
संसार के खोखलेपन और असलियत को उजागर करती एक मार्मिक लघुकथा ।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई हिमांशु भाई ।
विभा रश्मि
बेहद मार्मिक लघुकथा।क्रूर समाज संवेदनशील लोगों को सदैव लांछित कर उसे मृत्यु की ओर ले जाते हैं।नमन आपकी लेखनी को।
ReplyDeleteबहुत ही मार्मिक लघुकथा
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी लघुकथा ।बधाई भैया।
ReplyDeleteआपकी ये लघुकथा जब भी पढ़ती हूँ, मन भर आता है।
ReplyDeleteसंवेदनशील व्यक्ति की गहन संवेदना को प्रस्तुत करती भावपूर्ण लघुकथा 🌹
मर्मस्पर्शी लघुकथा। संवेदनशील व्यक्ति की संवेदनाओं के चित्रण के के साथ आपने दोगले व्यक्तियों के चेहरे से भी मुखौटे उतारे हैं जो दूसरों को जीने नहीं देते। बधाई सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteबेहतरीन लघुकथा। संवेदना हीन समाज का आइना दिखाती है। हार्दिक बधाई इस कालजयी लघुकथा के लिए।
ReplyDeleteबहुत अच्छी लघुकथा, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं
ReplyDeleteहृदय स्पर्शी लघुकथा भैया। ऐसा ही है यह समाज
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी लघुकथा
ReplyDeleteनमन गुरुवर
भाई कामबोज जी, बहुत मार्मिक कहानी है। हार्दिक बधाई। सविता अग्रवाल “सवि”
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी लघुकथा...हार्दिक बधाई आपको।
ReplyDeleteबेहद मार्मिक!
ReplyDeleteसमाज के कटुसत्य की मर्मस्पर्शी लघुकथा। धन्यवाद आदरणीय!
ReplyDeleteबहुत ही संवेदनशील कथा! संसार में सद्भावना और क्रूरता दोनों का वर्णन आपने कुछ ही क्षणों में कर दिया है।
ReplyDeleteभैया पहले भी यह लघुकथा पढ़ी थी जितना मन विचलित तब हुआ था आज दुबारा पढ़ने पर भी आँखें नम हैं। किन शब्दों से प्रशंसा करूँ ? यह लघुकथा सराहना से बहुत ऊपर, कालजयी कृति है। आपकी लेखनी को नमन 🙏
ReplyDeleteबहुत मार्मिक लघुकथा। दूसरों का दुख हरनेवाले के साथ ऐसा ही होता है। उत्कृष्ट सर्जन के लिए हार्दिक बधाई भैया।
ReplyDeleteबहुत मार्मिक लघुकथा।
ReplyDeleteसादर