पूजा शर्मा
गिरना - उठना, उठकर चलना, ये जीवन की रीत
है।
संघर्षों में गाया जाए, वो ही सच्चा गीत है।।
संघर्ष की दास्ताँ चंद पंक्तियों मे
सुनाई जा सकती नहीं।
जिसने इसे अपनाया,पराजित न हुआ किसी हाल में
कहीं।।
प्रत्येक सफलता के हृदय में गूँजा, ये तो वही
संगीत है।
संघर्षों में गाया जाए, वो ही सच्चा गीत है।।
रोज़ अँधियारी रात को, चीर सवेरा आता है।
हार-जीत का आपस में, जन्मों-जन्मों का नाता
है।।
घोर तिमिर के बाद ही तो, नए उजाले की भीत है।
संघर्षों में गाया जाए, वो ही सच्चा गीत है।।
क्या हुआ! जो तुम आज थके हो, कोई सहारा पास नहीं।
जीवन में खुशियाँ तो क्या, जीने की भी आस
नहीं।।
अथक परिश्रम किया जिसने, विधाता भी उसका मीत
है।
संघर्षों में गाया जाए, वो ही सच्चा गीत है।।
असफलता कहीं बार तुझे, राह में आ डराएगी।
तू मत घबराना कभी, राह स्वयं ही बन जाएगी।।
निडर हो आगे बढ़ते रहना, डर के आगे जीत है।
संघर्षों में गाया जाए, वो ही सच्चा गीत है।।
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पूजा
शर्मा ---
कैथल(हरियाणा)
poojamukesh82@gmail.com
बहुत सुन्दर, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteसुंदर भाव।हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteमन को शक्ति देता सुंदर गीत!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
🙏🙏🙏 सभी को हार्दिक धन्यवाद🙏🙏🙏
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत...हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद
Deleteबहुत ओजपूर्ण और सकारात्मकता से भरे इस सुन्दर गीत के लिए बहुत बधाई
ReplyDeleteसादर धन्यवाद
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