पथ के साथी

Friday, June 23, 2023

1333-अपराधी

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


17 comments:

  1. बेहद मार्मिक लघुकथा। अतंस क झकझोरती🙏

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया.मार्मिक

    ReplyDelete
  3. हृदयस्पर्शी लघुकथा,ये दुनिया सचमुच ऐसी ही है सदैव उंगली उठाने को तत्पर। बधाई भैया।

    ReplyDelete
  4. बहुत मार्मिक,प्रतीकात्मक लघुकथा।कोई भी समाज को संतुष्ट नही कर सकता।छिद्रान्वेषी लोग शुभ और पवित्र कार्यो पर सदा उंगलियाँ उठाते रहते हैं।

    ReplyDelete
  5. ओह! बहुत मार्मिक कथा. पर जीवन का सत्य यही है. कितना भी सही हो कोई, लोग हर बात में कुछ न कुछ ग़लत निकाल ही लेते हैं. समाज का सही चित्रण. शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  6. जीवन की कटु सत्यता समेटे अत्यन्त मार्मिक लघुकथा...
    सादर

    ReplyDelete
  7. बहुत ही मार्मिक लघुकथा।

    ReplyDelete
  8. बहुत बढ़िया! समाज के यथार्थ का प्रभावपूर्ण चित्र प्रस्तुत करती बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी लघुकथा! हार्दिक बधाई!🙏🌹

    ReplyDelete
  9. वाह्ह! यही तो है समाज का वास्तविक रूप 🙏सदैव एक निष्ठावान व्यक्ति ऐसे ही अपराधी बन जाता है...🌹🙏आपकी लेखनी सदा प्रणम्य है सर 🙏

    ReplyDelete
  10. नेक लोगों को उनकी नेकी ही ले डूबती है। अत्यंत मार्मिक लघुकथा।

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर लघुकथा।

    ReplyDelete
  12. बहुत मार्मिक लघुकथा। सादर नमन।
    -परमजीतकौर 'रीत'

    ReplyDelete
  13. सच है, ये दुनिया भले इंसान को चैन से जीने नहीं देती । मन भर आया इस हृदयस्पर्शी लघुकथा को पढ़ते हुए, ऐसी मर्मस्पर्शी रचना के लिए आपको बहुत बधाई

    ReplyDelete
  14. वाह! मेरे लिये यह लघुकथा मील का पत्थर है । एक अनूठी और हृदय स्पर्शी कथा । दुनिया हर किसी को अपनी नज़रों से देखती है। बहुत बधाई आपको ।
    शशि पाधा

    ReplyDelete
  15. मर्मस्पर्शी यथार्थ चित्रण। सबको ख़ुश करना बहुत कठिन है। सुदर्शन रत्नाकर

    ReplyDelete
  16. Kamla Nikhurpa02 July, 2023 17:23

    मार्मिक लघुकथा...कुछ सोचने को मजबूर करती है.

    ReplyDelete
  17. जीवन की सच्चाई को उकेरती, आज के समय पर कटाक्ष और प्रहार करती, हृदयस्पर्शी लघुकथा l बहुत बहुत बधाई आपको l

    ReplyDelete