रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
जन -जन
की आँखों का तारा
अमर रहे गणतन्त्र हमारा।
हम सबका अभियान एक हो
सभी का संविधान एक हो ।
छिपे देश में अनगिन विषधर
रोज पलटते हमको डँसकर।
हम इनका अब उपचार करें
सब मिलकरके संहार करें ।
बैठ गए यदि इनसे डरकर
हो जाएगा भारत
जर्जर
छद्म वेष धरकर हैं आए
बहुत कुटिल, फिर भी मुसकाए ।
न्याय-तुला को तोड़ रहे हैं
लूट-लूट धन जोड़ रहे हैं ।
इनसे मुक्ति एक ही नारा
अमर रहे गणतन्त्र हमारा।
बहुत सुंदर सार्थक कविता आदरणीय!
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की सभी मित्रों को ढेरों शुभकामनाएँ!!
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ ।आज के भारत के नव निर्माण का आव्हान करती बहुत सार्थक कविता । हिमांशु भाई को ।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ आ.हिमांशु भाई ।
ReplyDeleteबहुत सार्थक एवं प्रेरक गीत।गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत संदर गीत है। हम सबका अभियान एक हो / सभी का संविधान एक हो ... वाह कितनी सुंदर और सही बात है। सभी को गणतंत्र की बधाई एवं शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसादर
मंजु मिश्रा
www.manukavya.wordpress.com
बहुत संदर गीत है। हम सबका अभियान एक हो / सभी का संविधान एक हो ... वाह कितनी सुंदर और सही बात है। सभी को ७४वें गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसादर
मंजु मिश्रा
www.manukavya.wordpress.com
बहुत ही सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ गुरुवर 💐🌷🌹
सादर
सत्य को प्रतिपादित करती रचना... 🙏🌹वाह!!!सर 🙏🌹🌹
ReplyDeleteसुंदर गीत
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteरचना का एक एक शब्द उद्बोधन और चेतावनी का संकेत दे रहा है । आपकी क़लम को नमन । गणतंत्र दिवस की मानफलकामनाएँ ।
ReplyDeleteशशि पाधा
सत्य का उद्घाटन करती ओजस्वी कविता।हार्दिक बधाई आदरणीय भैय।
ReplyDeleteगणतंत्र की रक्षा के लिए जन आह्वान करता गीत, बधाई आदरणीय।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक कविता...हार्दिक बधाई आदरणीय काम्बोज जी को
ReplyDeleteबहुत सुंदर सार्थक कविता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteबधाई गुरुवर
बहुत अच्छी कविता है भैया👌💐
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना, हार्दिक बधाई शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर एवं सार्थक कविता!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित