आज कुछ ख़ास 
शशि पाधा
चलो बचा लें
दुनिया की आपाधापी से
आधा दिन -आधी रात 
सिर्फ 
अपने लिए 
तुम गुनगुनाना 
कोई गीत 
मैं जोड़ दूँगी 
कोई भूली कड़ी 
तुम आँखों से हँसना 
मैं सुन लूँगी 
खनकते साज 
तुम चाँद देखना 
मैं निहारूँगी 
केवल तुम्हें —-
अभी  बाकी
है
बहुत कुछ कहना
बहुत कुछ सुनना
वक्त का भरोसा नहीं 
कब हाथ से 
फिसल जाए 
-0-
शशि पाधा 
20 जनवरी, 2023
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सुंदर सकारात्मक
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...बहुत शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteवर्तमान में जीने का संदेश लिए प्रेरक कविता-बधाई।
ReplyDeleteबेहद सुंदर एवं भावपूर्ण कविता
ReplyDeleteचलो बचा लें.. आधा दिन -आधी रात
मैं निहारूँगी / केवल तुम्हें —-
बहुत ही बढ़िया
बधाई आदरणीया
बहुत सुंदर कविता।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीया दीदी 🌹💐🌷
सादर
मेरी रचना को अपना स्नेह देने के लिए आप सब का हार्दिक आभार | इसे आप से साझा करने के लिए आदरणीय काम्बोज भैया का धन्यवाद |
ReplyDeleteशशि पाधा
सकारात्मक संदेश देती बहुत सुंदर कविता। हार्दिक बधाई शशि जी। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता।बधाई शशि जी।
ReplyDeleteवाह,बहुत सुंदर
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण सृजन 🙏🌹आद. Mam 🌹
ReplyDeleteखूबसूरत भावपूर्ण कविता है शशि जीं बधाई। सविता अग्रवाल” सवि”
ReplyDeleteबहुत भावप्रवण रचना...हार्दिक बधाई
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