पथ के साथी

Tuesday, December 6, 2022

1264-तुम हो मुझमें

 रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ 


8 comments:

  1. www.nilambara.shailputri.in06 December, 2022 07:47

    बहुत ही सुंदर भाव और कला पक्ष की दृष्टि से भी उत्तम रचना। हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  2. कितना सुंदर लिखा है

    ReplyDelete
    Replies
    1. नाम नहीं लिखा, आभार आपका!

      Delete
  3. बहुत मार्मिकता भरी रचनाएँ।

    ReplyDelete
  4. अत्यंत सुन्दर एवं हृदयस्पर्शी सृजन सर 🌹🙏😊🌹

    ReplyDelete
  5. आप सबका अन्तर्मन से आभार

    ReplyDelete
  6. सुन्दर प्रस्तुति.

    ReplyDelete