पथ के साथी

Sunday, January 30, 2022

1182-मन प्राणों से साथ रहा

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


15 comments:

  1. आलिंगन में जब जब बाँधा/ हमको छल का पाश मिला, वाह ••बेहतरीन गीत ,हार्दिक शुभकामनाएँ सर ।

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  2. जीवन के यथार्थ को दर्शाती सुंदर, भावपूर्ण अभिव्यक्ति। धन्यवाद आदरणीय!

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  3. बेहतरीन कविता। भावपूर्ण अभिव्यक्ति।

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  4. आस्तीन का साँप डस ही इसलिए पाता है क्योंकि उसको आप स्नेह से अपनी आस्तीन में जगह देते हैं | मन को बहुत गहरे तक छू गई ये सभी कविताएँ...बहुत बधाई आपको

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  5. बहुत सुंदर,मर्मस्पर्शी कविताएँ।हार्दिक बधाई।

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  6. बहुत ही सुंदर गीत।मर्मस्पर्शी।बधाई भैया।

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  7. भावपूर्ण एवं जीवन के यथार्थ चित्रित करता गीत, हार्दिक बधाई आदरणीय भाईसाहब जी।

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  8. भावप्रणव-मर्मस्पर्शी गीत के लिये बहुत बधाई आ. हिमांशु भाई ।

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  9. वाह्ह्ह... बहुत सुंदर भावपूर्ण संदेश देती हुई यह रचना हृदय को स्पर्श करती है...... 💐💐💐💐🙏🌹🌹

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  10. मर्मस्पर्शी बेहतरीन रचना...हार्दिक बधाई भाईसाहब।

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  11. बहुत सुंदर गीत

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  12. बहुत सुंदर गीत! हार्दिक बधाई! 🌹

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  13. बहुत ही सुंदर
    बधाई
    नमन गुरुवर

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  14. बहुत मर्मस्पर्शी रचना. शब्द-शब्द मन में गहरे उतर गया. उत्कृष्ट सर्जन के लिए हार्दिक बधाई काम्बोज भाई.

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  15. एक- एक शब्द मन को छू गया।
    बहुत ही उत्कृष्ट गीत के सृजन के लिए हार्दिक बधाई गुरुवर को।

    सादर🙏

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