पथ के साथी

Friday, July 30, 2021

1119- परिचर्चा

 


2 comments:

  1. 'अनुवाद भी सृजन होता है'की कड़ी में कुँवर डॉ. दिनेश सिंह जी की प्रस्तुति हेतु आपको साधुवाद।कुँवर साहब ने अनुवाद प्रक्रिया की बारीकियों एवं जटिलताओं का विश्लेषण करते हुए,सुंदर अनुवाद की प्रकृति पर अत्यंत सहज ढंग से चित्रण किया है।इस सुंदर प्रस्तुति हेतु डॉ. कुँवर दिनेश जी को बहुत बहुत बधाई।

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  2. उपयोगी जानकारी । वास्तव में अनुवाद में दोनों भाषाओं के ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की जानकारी होना जरूरी है तभी अनूदित रचना और मूल रचना के साथ न्याय हो पाता है । धन्यवाद महोदय ज्ञानवर्धन के लिए । सशक्त लेखनी है आपकी ।

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