पथ के साथी

Monday, April 20, 2020

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पूनम सैनी
 दोहा

जैसी जिसकी कामनावैसी उसकी प्रीत ।
जग माया का जाल है ,जीत सके तो जीत 

-0-
2-कविता
कभी नहीं एक सी होती 
जिंदगी बहता पानी है 
जो दिल में ही दफन अच्छी 
वो सुख- दुख की कहानी है ।

कहीं कभी भूल से तुमने  
जगत का लिया सहारा हो 
भरोसा करके दुनिया पर 
ईश से किया किनारा हो 
समझ लेना ये दुनिया की 
तो फितरत ही रवानी है । 

आँख जो भर के बह जाए 
पूछे दुनिया कि गम क्या है 
जख्म दिल चीर उभर आए 
तुम पे बीते सितम क्या है 
बता देना यूँ हँस करके 
नहीं आँसू, ये पानी है
-0-

13 comments:

  1. दोहा एवं कविता सुंदर
    हार्दिक शुभकामनाएँ पूनम जी

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  2. पूनम जी आपकी सुंदर भावुकतापूर्ण रचनाएं पढकर हृदय द्रवित हो गया |" फिर भी नर हो न निराश करो मनको " -हिंदी चेतना

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    1. जी बहुत बहुत शुक्रिया।🙏

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  3. बहुत ही गहरे भाव लिए दोहा एवं कविता।
    हार्दिक बधाई
    💐

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  4. वाह! दोहा एवं कविता दोनों ही बहुत सुंदर, बधाई पूनम जी।

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  5. पूनम जी ,दोहा और कविता दोनों बहुत सुन्दर हैं ।बधाई आपको ।

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  6. सुन्दर भाव लिए हुए है दोहा और कविता दोनों ही बढ़िया हैं बधाई हो पूनम जी |

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  7. दोहा और कविता दोनों में बहुत सुंदर भाव।बधाई पूनम जी

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  8. दोहा और कविता दोनों ही बहुत पसंद आए, बहुत बधाई...|

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  9. बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी का।😊🙏

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  10. आपके रचना-कर्म के लिए मेरा आशीर्वाद पुत्री -निरन्तर सृजनरत रहें!

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  11. बहुत सुंदर दोहा और रचना...बहुत बधाई पूनम जी।

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  12. दोहा तथा कविता दोनों ही बहुत सुंदर!
    हार्दिक बधाई आपको!

    ~सादर
    अनिता ललित

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