पूनम
सैनी
जैसी जिसकी कामना, वैसी उसकी प्रीत ।
जग माया का जाल है ,जीत सके तो जीत ॥
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2-कविता
कभी
नहीं एक सी होती
जिंदगी
बहता पानी है
जो
दिल में ही दफन अच्छी
वो
सुख- दुख की कहानी है ।
कहीं
कभी भूल से तुमने
जगत
का लिया सहारा हो
भरोसा
करके दुनिया पर
ईश
से किया किनारा हो
समझ
लेना ये दुनिया की
तो
फितरत ही रवानी है ।
आँख
जो भर के बह जाए
पूछे
दुनिया कि गम क्या है
जख्म
दिल चीर उभर आए
तुम
पे बीते सितम क्या है
बता
देना यूँ हँस करके
नहीं
आँसू, ये पानी है ।
-0-
दोहा एवं कविता सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ पूनम जी
पूनम जी आपकी सुंदर भावुकतापूर्ण रचनाएं पढकर हृदय द्रवित हो गया |" फिर भी नर हो न निराश करो मनको " -हिंदी चेतना
ReplyDeleteजी बहुत बहुत शुक्रिया।🙏
Deleteबहुत ही गहरे भाव लिए दोहा एवं कविता।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
💐
वाह! दोहा एवं कविता दोनों ही बहुत सुंदर, बधाई पूनम जी।
ReplyDeleteपूनम जी ,दोहा और कविता दोनों बहुत सुन्दर हैं ।बधाई आपको ।
ReplyDeleteसुन्दर भाव लिए हुए है दोहा और कविता दोनों ही बढ़िया हैं बधाई हो पूनम जी |
ReplyDeleteदोहा और कविता दोनों में बहुत सुंदर भाव।बधाई पूनम जी
ReplyDeleteदोहा और कविता दोनों ही बहुत पसंद आए, बहुत बधाई...|
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी का।😊🙏
ReplyDeleteआपके रचना-कर्म के लिए मेरा आशीर्वाद पुत्री -निरन्तर सृजनरत रहें!
ReplyDeleteबहुत सुंदर दोहा और रचना...बहुत बधाई पूनम जी।
ReplyDeleteदोहा तथा कविता दोनों ही बहुत सुंदर!
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आपको!
~सादर
अनिता ललित