पथ के साथी

Saturday, March 16, 2019

883


कलम गा उनके गीत
डॉ. सुरंगमा यादव

कलम गा उनके गीत
जिन्होंने बदली रीत
दीपक बनकर
अँधियारों से लड़ते
मरहम बन
पीड़ाएँ हरते
समय भाल पर
अंकित करते जो पद-चिह्न
बढ़ाते सबसे प्रीत
स्वकी अंधी दौड़ छोड़कर
परहित में सर्वस्व त्यागकर
नष्ट-भ्रष्ट कर जीर्ण पुरातन
सिंचित करते हैं मानव-म
जग के हित जिनका
मौन हुआ जीवन संगीत
तूफानों से घिरे रहे जो
फिर भी सदा अडिग रहे जो
औरों को करने को पार
मोड़ गये नदिया की धार
बाधाओं को करें सदा जो
साहस से विपरीत
-0-

19 comments:

  1. सुंदर सकारात्मक अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  2. सुंदर रचना। हार्दिक बधाई सुरंगमा जी

    ReplyDelete
  3. सुरंगमा यादव इन दिनों बहुत अच्छा लिख रही हैं बधाई |

    ReplyDelete
  4. सुंदर सृजन सुरंगमा जी ... हार्दिक बधाइयाँ

    ReplyDelete
  5. सकारात्मक भाव बोध की सुंदर रचना।बधाई डॉ. सुरंगमा जी

    ReplyDelete
  6. सुंदर रचना! हार्दिक बधाई सुरंगमा जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

    ReplyDelete
  7. बहुत सुंदर, हार्दिक बधाई 💐💐

    ReplyDelete
  8. बहुत ही सुंदर सजीव रचना हेतु हार्दिक बधाई सुरंगमा जी।

    ReplyDelete
  9. प्रेरक सृजन!सुरंगमा जी..नमन

    ReplyDelete
  10. सुंदर सृजन...बधाई सुरंगमा जी।

    ReplyDelete
  11. सार्थक रचना

    ReplyDelete
  12. औरों को करने को पार
    मोड़ गये नदिया की धार
    बाधाओं को करें सदा जो
    साहस से विपरीत ।

    वाह सुरंगमा जी, बहुत ही सार्थक एवं सकारात्मक कविता...

    ReplyDelete
  13. परोपकार की भावना से सजी सुन्दर रचना है सुरंगमा जी हार्दिक बधाई |

    ReplyDelete
  14. बहुत सुंदर सुरंगम जी। हार्दिक बधाई।
    भावना सक्सैना

    ReplyDelete
  15. कलम गा उनके गीत बहुत मधुर । सुरंगमा बधाई ।

    ReplyDelete
  16. बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

    ReplyDelete
  17. आप सब ने मेरा उत्साहवर्धन किया, मैं हृदय तल से आप सभी के प्रति आभारी हूँ ।आदरणीय अग्रज काम्बोज जी को मेरी रचना प्रकाशित करने के लिए पुनः पुनः धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  18. साहसिक कार्यों का मूल्याकन करती बहुत सुंदर रचना बधाई

    ReplyDelete
  19. एक अच्छी रचना के लिए बहुत बधाई

    ReplyDelete