1- जंगल
मंजूषा
मन
जंगल- सी घनी हैं तुम्हारी यादें
ऊँचे -ऊँचे पड़े सटकर खड़े है
बीच से गुजरती हवा
सरसराते पत्तों का शोर
सुकून देती शीतलता तुम्हारा स्पर्श...
पाँवों से उलझतीं लताएँ
तुम रोक रहे हो जाने से,
झाड़ियों में उलझता दामन
तुमने पकड़ लीं है बाहें....
पपीहे की तान,
कोयल का गीत,
कानों को छूकर निकलती हवा
सीटियाँ- सी बजाती है
यूँ कि जैसे तुम गा रहे हो गीत
या धीरे से कानों में कह रहे हो
मन की बात...
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Project
Officer
Ambuja
Cement Foundation,Rawan (chhattisgarh)
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2-तुम ही तो हो !!
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
पर्वत के उच्च शिखर से उतर
एक नदी स्नेह सी बहने लगी।
हर आँगन में हो हरियाली,वह कहने लगी।
आँखों
में था दिपदिपाता विश्वास
अधरों पर भोर –सा मधुरिम हास
सीने में ज्वालामुखी –सा दबा भावों का सौरभ
लिपटा
तन के आस पास,
मन की सीमाओं के पार तक।
माथे पर स्नेहसिक्त उजाला
आलोकित हो उठे
मन के सारे लोक
‘कौन
है वह ?’
‘तुम
ही तो हो !!’
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बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteसरस सृजन के लिए दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!
मन जी जंगल बहुत सुन्दर रचना ,आ . काम्बोज भाई की कविता तुम ही तो हो , बहुत सुन्दर मनभावन रचना । बधाई सृजनधर्मियों को ।
ReplyDeleteसनेह विभा रश्मि
मंजूषा जी बहुत सुन्दर रचना। बधाई ।
ReplyDeleteकम्बोज जी भाई साहब,तुम ही तो हो ,बहुत सुन्दर रचना ।आपको बधाई ।
मंजूषा जी ,आदरणीय भैया जी हार्दिक बधाई आप दोनों को |
ReplyDeleteदोनों रचनाएँ बहुत सुंदर सार्थक |
मंजूषा जी ,आदरणीय भैया जी हार्दिक बधाई आप दोनों को |
ReplyDeleteदोनों रचनाएँ बहुत सुंदर सार्थक |
बेहद सुंदर रचनाएँ। मंजूषा मन जी, आ० भाईसाहब आप दोनों को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteमंजूषा जी, भैया जी... बहुत ही प्यारी कविताएँ हैं दोनों !
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आप दोनों को !!!
~सादर
अनिता ललित
बहुत मनोहारी रचनाएँ...|
ReplyDeleteइतनी प्यारी रचनाओं के लिए आप दोनों को बहुत बहुत बधाई...|
आ.रामेश्वर सर ,बहुत खूब।प्राकृतिक सौंदर्य की आगोश में समाया प्रेम अद्भुत एवं अलौकिक है...
ReplyDeleteसभी गुणीजन का हृदय से आभार । काम्बोज
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावों से सजी कविता है मंजू जी और भाई कम्बोज जी को हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteमंजूषा जी ,आदरणीय भैया जी ...दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर !!
ReplyDelete!हार्दिक बधाई आप दोनों को !!!
मन के भाव का अद्भुत रूप दोनों रचना में. मंजूषा जी और काम्बोज भैया को बहुत बधाई.
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