1-मंजूषा मन
1
मन से मन को जोड़कर, दुख पाएँगे आप॥
2
यादों से मिटती नहीं, दर्द भरी थी रात।
हमको तो बस है मिली, आँसू की सौगात।।
3
कोई अब रखता नहीं,
मन दरवाजे दीप।
आस लगा जिनसे चले, आए नहीं समीप।।
-0-2-श्वेता राय
याद तेरे साथ की प्रिय!, छीनती अब चैन है।।
पास थे तुम जब लगे सब, है ख़ुशी मेरे लिए।
मैं बनूँ चंदा कभी तो, चाँदनी तेरे लिए।।
दिन लगा के पंख उड़ता, रात कटती थी नयन।
आस में तेरे मिलन के, जागती थी मैं मगन।।
सोचती थी क्या कहूँगी, जब मिलोगे तुम सजन।
भूल सारी बात जाती, देखती तुमको भवन।।
कर रहे वापस मुझे तुम, दिल लिया जो प्यार से।
आस से विश्वास से औ, प्रीत की मनुहार से।।
खुश रहोगे यदि सदा तुम, याद मत करना मुझे।
भूल कर भी दर्द कोई, अब नही सहना मुझे।।
-0-
3-लीक से हट करडॉ मधु त्रिवेदी
लीक से हट कुछ किया जाए
विषमता में समानता लाकर
हर व्यक्ति को खुशहाल किया जाए
कर रहे है जो देश को खोखला
उनका काम तमाम किया जाए
भारत में ही रहते है
यहीं फलते फूलते
असहिष्णुता जैसे बयान देते है
उनको देश से बाहर किया जाए
ऊपर से नीचे तक जो गन्दगी
उसको साफ किया जाए
सत्ताधारियों के बीच साक्षरता
स्तर को बढ़ाया जाए
राजनीति के उच्च पदों को
पढे लिखों से
गौरवान्वित किया जाए
सब लोगों को मिलें नौकरी
ऐसा कुछ किया जाए
बड़े बूढ़े हो समृद्ध
मिलें बच्चों को छत्र छाया
ऐसे संस्कार दिये जाएँ
रहे न कोई भूखा- नंगा
दो वक्त की रोटी मिले सबको
ऐसा इन्तजाम किया जाए
चाँद तारों से करे बातें
ऐसा काम किया जाए
-0-
Sunder likha aap sabhi ne..congrates
ReplyDeleteसभी अच्छा लिखते है
ReplyDeleteसभी की रचनाएं सशक्त, एक से बढ़कर एक हैं
ReplyDeleteबधाई
बढ़िया रचनाएँ
ReplyDeleteSaaree Rchnaaen Damdaar hain . Kuchh hat ke likha jai . Ek sachchi aawaz sunaayee pdtii hai | theek kaha desh ke uthan ke liye. Aise kavitaoon ki awashyktaa hai aaj. Aisi Nirbheek kavitriyon ko meri or badhaaee. Shiam Tripathi Hindi Chetna
ReplyDeletebhavon ka indradhanush hai
ReplyDeletebahut sunder likha hai badhai aap sabhi ko
rachana
सभी रचनाकारों की रचनाएँ सशक्त एवं सुंदर। बधाई।
ReplyDeleteसभी रचनाकार बहनों को हार्दिक बधाई ..सभी रचनाएँ श्रेष्ठ और सार्थक
ReplyDeleteAap sabhi rachnakaro ko badhayi
ReplyDeleteभावपूर्ण
ReplyDeleteयादों से मिटती नहीं, दर्द भरी थी रात।
ReplyDeleteहमको तो बस है मिली, आँसू की सौगात।।
बहुत मर्मस्पर्शी...|
खुश रहोगे यदि सदा तुम, याद मत करना मुझे।
भूल कर भी दर्द कोई, अब नही सहना मुझे।।
एक अनकहा सा दर्द बसा है इनमे...|
दो वक्त की रोटी मिले सबको
ऐसा इन्तजाम किया जाए
चाँद तारों से करे बातें
ऐसा काम किया जाए|
बहुत खरी बात...काश! ऐसा हो जाए...|
आप तीनो को बहुत बधाई...|
बेहतरीन पोस्ट। ... Thanks for sharing this!! :) :)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचनाएं....आप सभी को बधाई।
ReplyDeleteEak se badhkar eak rachnayen sabhi ko hardik badhai...
ReplyDeletebahut bhaavpoorn ..sundar rachanaayen ..haardik badhaii !
ReplyDeleteसशक्त एवं भावपूर्ण रचनाएँ!! आप तीनो को बहुत बधाई!!!
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