पथ के साथी

Sunday, September 25, 2016

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जीवन में कुछ रिश्ते दिल के बहुत-बहुत क़रीब होते हैं -माँ, पिता, बेटा, बेटी और दोस्त ! विशेषकर बिटिया तो दिल की धडकन की तरह हरपल साथ होती है !फिर उसके लिए किसी एक दिवस की कोई दरक़ार कहाँ ! ये कविता हर दिन, हर पल -हर बेटी के लिए !
सभी बेटियों को असीमित स्नेह एवं शुभकामनाओं सहित समर्पित-

प्यारी बेटियाँ

भोर -सी सुहानी होती हैं बेटियाँ !
पाँव पड़ते ही जिनके
हो जाता है घर में उजाला,
सूरज की किरणों सी-
बिछ जाती हैं,
ढक लेती हैं,
हर अँधेरे कोने को
अपनी सुनहरी आभा से !

रिमझिम बूँदों सी होती हैं बेटियाँ !
मचलती, थिरकती, गुनगुनाती
भिगोती, मन लुभाती,
मिटा देती हैं थकन
और आँगन का सूनापन
अपनी चंचल किलकारियों
और अंतहीन
मख़मली बातों से !

मंदिर की घंटियों सी होती हैं बेटियाँ !
गूँजती रहती है जिनकी बातें
कानों में
और थपथपाती हैं
दिलों के द्वार,
लेकर मन में
चंदन की सुगंध,
कर देती हैं पावन
हर उस शय को
जो होती है उनके आसपास
अपने स्नेहिल स्पर्श से !

माँ की दुआओं सी होती हैं बेटियाँ
जो रहती हैं बन कर परछाईं
पिता और भाई के साथ !
बचाती हैं हर संकट से उन्हें,
संभालती हैं
हर मुश्किल घड़ी में ,
देकर मज़बूत सहारा
अपने विश्वास का,
थामती हैं, भरमाती हैं
अपनी मासूम संवेदनाओं से !

चोट पर मलहम सी होती हैं बेटियाँ
खींच लेती हैं
हर दर्द को ,
सहलाती हैं प्यार से,
धोती हैं अपने आँसुओं से
उस ज़ख़्म को,
जो दिखता नहीं किसी को
पर महसूस करती हैं वो
अपनी आत्मा की गहराई से !

शीतल चाँदनी सी होती हैं बेटियाँ !
देती हैं सुक़ून,
ग़म के घने बादलों को
हटाकर,
मिटाकर अँधेरी-स्याह रातों की
कालिमा,
उबारती हैं,
देती हैं हिम्मत
अपने मासूम आश्वासनों
और स्निग्ध,
निश्छल मुस्कानों से !
घर का उल्लास होती हैं बेटियाँ,
हर दिल की आस होती है बेटियाँ,
पूजा की ज्योत होती हैं बेटियाँ,
बरसता है ईश्वर का नूर सदा उस दर पर,
हँसती-खिलखिलाती हैं जिस घर में प्यारी बेटियाँ !!!
-0-अनिता ललित,लखनऊ

19 comments:

  1. बहुत सुंदर कविता

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  2. यत्र नारेस्तु पूजयन्ते, बेटियों के वर्णित आलोकिक विषय को पूर्वजो ने मन्त्र में बाँध कर आने वाली पीढ़ियों को सोंपा है | अति सुंदर |||

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  3. लाजवाब समायिक रचना बेटी की

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  4. बहुत सुंदर भावों की गंगा बहाई आपने। वाह!!

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  5. अनिता जी बहुत सुन्दर भावों से परिपूर्ण कविता की रचना की है आपने ।वाकई बेटियां शीतल चांदनी और चोट का मरहम सी ही होती हैं ।आपको हार्दिक बधाई ।

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  6. बहुत प्यारी रचना, बेटियों की तरह सरल, सुबोध और भावप्रवण । बधाई सुन्दर सृजन के लिए अनिताजी

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  7. बहुत प्यारी रचना, बेटियों की तरह सरल, सुबोध और भावप्रवण । बधाई सुन्दर सृजन के लिए अनिताजी

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  8. अनिता जी बहुत खूबसूरत रचना हार्दिक बधाई बहन दूसरी बार पढ़ी ये रचना ..इसे जितनी बार पढ़ते हर बार नई लगती है आपकी लेखनी को आपके भावों को सादर नमन ....एक एक शब्द सुंदर

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  9. अनिता जी बहुत खूबसूरत रचना हार्दिक बधाई बहन दूसरी बार पढ़ी ये रचना ..इसे जितनी बार पढ़ते हर बार नई लगती है आपकी लेखनी को आपके भावों को सादर नमन ....एक एक शब्द सुंदर

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  10. बेहद ख़ूबसूरत भावपूर्ण रचना। अनिता जी बहुत बधाई।

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  11. मन में मधुर संगीत भरती ....बेहद सुन्दर रचना सखी ! हार्दिक बधाई आपको और बहुत शुभ कामनाएँ सभी प्यारी बेटियों को !!

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  12. चोट पर मलहम सी होती हैं बेटियाँ
    खींच लेती हैं
    हर दर्द को ,
    सहलाती हैं प्यार से,
    धोती हैं अपने आँसुओं से
    उस ज़ख़्म को,
    जो दिखता नहीं किसी को
    पर महसूस करती हैं वो
    अपनी आत्मा की गहराई से ।

    बेटियों पर बहुत प्यारे उद्गार । बधाई अनिता ललित जी ।

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  13. चोट पर मलहम सी होती हैं बेटियाँ
    खींच लेती हैं
    हर दर्द को ,
    सहलाती हैं प्यार से,
    धोती हैं अपने आँसुओं से
    उस ज़ख़्म को,
    जो दिखता नहीं किसी को
    पर महसूस करती हैं वो
    अपनी आत्मा की गहराई से ।

    बेटियों पर बहुत प्यारे उद्गार । बधाई अनिता ललित जी ।

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  14. बहुत प्यारी रचना अनीता जी, बधाई।

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  15. आप सभी के इस स्नेह के लिए हृदयतल से आभारी हैं हम ! इस समय अपने शहर से बाहर हैं, इस कारण उपस्थिति नियमित नहीं हो पा रही -इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं !
    हमारी इस रचना को यहाँ स्थान देने हेतु सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार !!!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  16. धोती हैं अपने आँसुओं से
    उस ज़ख़्म को,
    जो दिखता नहीं किसी को

    बेटियों पर बहुत बहुत सुंदर कविता ! बधाई अनिता ललित जी !!!

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  17. बेटियाँ सच में बहुत प्यारे होती हैं...और उतनी ही प्यारी आपकी यह कविता भी है...| बहुत बधाई...|

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