1-जय हो हिन्दी की-
डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’
हिन्दी का
गुणगान करें हम, हिन्दी तो गौरव है
अपना!
हिन्दी ने है
पाला हम को, हिन्दी है हम सबका सपना!!
आज शपथ लें सारे मिल कर, हिन्दी
को हम अपनाएँगे,
हिन्दी है
पुरखों की भाषा, जिस ने सिखाया
है तपना!!
-0-
2-दिल
के रिश्ते, हिन्दी में जिए
भावना सक्सैना
थपकी से सोती थी जब मैं
हिन्दी में
सुनती थी लोरी
बाहों के पलने में भी तो
बाँधी हिन्दी ने ही डोरी।
साँसे माँ की, और गीत भी
हिन्दी में ही महसूस
किए
दिल के सारे ही रिश्ते भी
हिन्दी में मैंने
सदा जिए।
पाठ पढ़ा जब भी अंग्रेजी
हिन्दी ने ही
विश्वास दिया
बनी स्नेह पूरित आलम्बन
सब मित्रों का उपहार दिया।।
जब मौन भी बाँचा क ख
ग ने
भावों ने भी मृदु
तान भरी
तरल प्रेम उतरा नैनों में ।
हिन्दी में जब मुस्कान
भरी ।
हिन्दी मन ही मन
रही सिखाती
अंग्रेजी थी जब -जब बोली
पग -पग पर
साथ निभाया है
सदा रही मेरी हमजोली
हिन्दी लेकर परदेस गई
दुनिया में सम्मान दिलाया
मेरी रग-रग में
भरी स्फूर्ति
हिन्दी में
खुद को है पाया।
-0-
3-हिन्दी का पूजन पग-पग है!!
डॉ.पूर्णिमा राय,
डॉ.पूर्णिमा राय,
1
हिन्दी से तन-मन खिल जाए।
हिन्दी से सब गम मिट जाए।।
हिन्दी भाषा अजर अमर है;
हर भाषा में घुल-मिल जाए।।
हिन्दी से सब गम मिट जाए।।
हिन्दी भाषा अजर अमर है;
हर भाषा में घुल-मिल जाए।।
2
स्वर व्यंजन हम जब लिखते हैं।
दीप दिलों में तब जलते हैं।।
हिन्दी भाषा के गौरव से ;
विश्व पटल पर जन सजते हैं।।
दीप दिलों में तब जलते हैं।।
हिन्दी भाषा के गौरव से ;
विश्व पटल पर जन सजते हैं।।
3
भाषा को सम्मान दिलाएँ।
बाल युवा वृद्ध को पढ़ाएँ।।
हिन्दी को समृद्ध करें सभी;
भारत का आँगन महकाएँ।।
बाल युवा वृद्ध को पढ़ाएँ।।
हिन्दी को समृद्ध करें सभी;
भारत का आँगन महकाएँ।।
4
बोल खड़ी बोली के कहते।
हिन्दी भाषी दिल में रहते।।
भाषा पर अधिकार जमा कर;
नदिया की धारा -सा बहते।।
हिन्दी भाषी दिल में रहते।।
भाषा पर अधिकार जमा कर;
नदिया की धारा -सा बहते।।
5
नवरस मीठा गान सुनाएँ।
जीने का अरमान जगाएँ।।
भाषा की दीवार तोड़कर;
हिन्द-प्रेम से भवन बनाएँ।।
जीने का अरमान जगाएँ।।
भाषा की दीवार तोड़कर;
हिन्द-प्रेम से भवन बनाएँ।।
6
ज्यों चाँद ‘पूर्णिमा’ जग-मग है।
त्यों हिन्दी भाषा रग-रग है।।
महादेव के वंदन जैसा;
हिन्दी का पूजन पग-पग है।।
त्यों हिन्दी भाषा रग-रग है।।
महादेव के वंदन जैसा;
हिन्दी का पूजन पग-पग है।।
-0-
हिंदी को समर्पित बहुत सुन्दर रचनाएँ !आ.डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा'अरुण'जी , भावना सक्सैना जी एवं डॉ. पूर्णिमा जी को हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteआप सभी को हिंदी दिवस पर बहुत-बहुत शुभ कामनाएँ !!
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
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ReplyDeleteवाह! अतिसुन्दर ! हिन्दी का सम्मान हमारा सम्मान है! उसका सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है, यह हमारे देश की पहचान है, हमारी पहचान है!
ReplyDeleteइस अनुपम प्रस्तुती के लिए आ. डॉ. योगेन्द्र जी, भावना जी एवं डॉ. पूर्णिमा जी को बहुत बधाई!
'हिन्दी दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
~सादर
अनिता ललित
आदरणीय अरुण जी बहुत सुंदर रचना..हिन्दी का गुणगान करे हम.....भावना जी उम्दा रचना वाहह्ह्ह्ह् हिन्दी में खुद को पाया ..पूर्णिमा जी ..हिन्दी से तन मन खिल जाए अति उत्तम....आप सबको हिन्दी दिवस की अनंत शुभकामनाएँ
ReplyDeleteअरुणजी सुंदर मुक्तक, भावना जी, पूर्णिमा जी हिंदी को समर्पित सुंदर रचनाएँ।
ReplyDeleteआप सभी को बधाई।
हिन्दी को समर्पित सुंदर रचनाएँ। अरुणाजी,भावनाजी,पूर्णिमाजी बधाई।
ReplyDeleteडॉ योगेंद्र जी ,भावना जी और डॉ पूर्णिमा जी हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा की जय बोलती पूर्णतया मन के उद्गारों से भरी रचनाएं हैं हार्दिक बधाई ।हिंदी भाषा को जग में उच्च स्थान मिले इसी कामना के साथ ...अनेक शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteहिन्दी के प्रति प्रेम ,सम्मान और गुणगान में पगी नमन योग्य रचनाएँ !आ.डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा'अरुण'जी , भावना सक्सैना जी एवं डॉ. पूर्णिमा जी को हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएँ। सभी को बधाई...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएँ। सभी को बधाई...
ReplyDeleteअरुण जी, भावना जी, पूर्णिमा जी सभी को बहुत सुंदर रचनाओं के लिए बधाई। रेणु चन्द्रा
ReplyDeleteअरुण जी, भावना जी, पूर्णिमा जी सभी को बहुत सुंदर रचनाओं के लिए बधाई। रेणु चन्द्रा
ReplyDeleteहिन्दी को समर्पित इन सभी सार्थक रचनाओं के लिए बहुत बधाई...|
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