पथ के साथी

Saturday, May 28, 2016

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 यादें - सुनीता शर्मा

 
सब रिश्तों में खास हो तुम
 
मेरे दिल के पास हो तुम 

तेरी फकीरी ही अमीरी लगे
मेरे मन के उपवास हो तुम
दूर कितने भी जाओ मगर
जीवन का आभास हो तुम
 
         मन मंदिर में खामोश सफर
 
         यादों के विश्वास हो तुम
 
          तारों को गिनूँ रात भर पर
 
          टूटते तारों के खास हो तुम
  
लम्हे  गमों के काट लेंगे गर
  
जीवन- श्वास की आस हो तुम
  
दुनिया की बढ़ती चकाचौंध में
 
बुझते दिए का उजास हो तुम 
-0-
-0-
क्षणिकाएँ -मोक्षदा शर्मा
1-एक बदी 
कुछ लोगों ने 
वृक्षों को
तो कुछ ने पहाड़ों को
काट दिया ....
एक सदी को ,
एक  बदी नें
समय से पहले ,
बहुत कुछ बाँट दिया 
-0-
2- ऊँची उड़ान
नभ पर 
जो ऊँची उड़ान भरते हैं 
दाना पाने के लिए 
वो भी 
धरती पर उतरते हैं ।
-0-
3-भूल न जाना

मेट्रो सी गति लिये
भाग रहे हो
जो उस महानगर ,
भूल न जाना उन्हें 
जो तकते
तुम्हारी राह 
गाँव के छोटे से घर ।
-0-

12 comments:

  1. सुंदर ,भावपूर्ण कविता । सुनीताजी बधाई।

    मोक्षदाजी सुंदर क्षणिकाएँ ।बधाई।

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  2. बहुत सुन्दर ,दिल को छू लेने वाली रचनाएँ !
    सुनीता जी एवं मोक्षदा जी को हार्दिक बधाई |

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  3. सुनीता जी सुन्दर भावों से सजी कविता है | मोक्षदा जी आपने भी एक बदी ,ऊँची उड़ान और भूल न जाना सुन्दर क्षणिकाएं रची हैं आप दोनों को हार्दिक बधाई |

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  4. दुनिया की बढ़ती चकाचौंध में
    बुझते दिए का उजास हो तुम ....
    बहुत सुन्दर सुनीता जी

    मोक्षदा जी सुन्दर क्षणिकाएँ

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  5. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचनाएं।
    सुनीता जी, मोक्षदा जी बधाई।

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  6. दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर हैं|सुनीता व मोक्षदा जी बधाई |पुष्पा मेहरा

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  7. नभ पर
    जो ऊँची उड़ान भरते हैं
    दाना पाने के लिए
    वो भी
    धरती पर उतरते हैं ।......मोक्षदा शर्मा बहुत ही भावपूर्ण रचना.
    मन मंदिर में खामोश सफर
    यादों के विश्वास हो तुम...........सुनीता जी बहुूत ही भावपूर्ण रचनाएं हार्दिक बधाई।

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  8. bahut bhavpurn rachnayen meri shubhkamnayen...

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  9. बहुत सुन्दर

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  10. भावपूर्ण कविता । सुनीताजी बधाई।

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  11. आप सभी ने बेटी मोक्षदा का उत्साह बढ़ाया ...भैया जी और आप सभी का बहुत -बहुत आभार !!

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  12. बहुत अच्छी रचनाएँ...| सुनीता जी और मोक्षदा जी को हार्दिक बधाई

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