( प्रिय निहित सक्सेना के जन्म दिन पर अनिता ललित की एक भावपूर्ण कविता ! सहज साहित्य से जुड़े सभी साथियों की ओर से सुखद जीवन के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ !!)
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अनिता ललित
चाँद की हँसती आँखों में
चमका एक सितारा,
आ गिरा चाँदनी के आग़ोश में।
चाँदनी ने हौले से उठाया उसको,
चूमा और रख दिया-
एक नन्हे बादल के
रुई के फाहे जैसे पँखों पर।
तैरते-तैरते वो नन्हा बादल
आ पहुँचा फूलों की सुंदर बगिया में।
रंग-बिरंगे फूलों के बिस्तर पर
सुला दिया उस सितारे को।
जाग उठे सभी फूल,
तितलियों ने भी पंख पसारे,
लेकर अपने रंग
और अपनी-अपनी ख़ुश्बू,
उमड़ पड़े वो सारे ,
नहला गए उस नन्हे सितारे को-
आधा सोया-आधा जागा,
मुस्कुरा उठा!
खिल उठा वो सितारा!
खोलकर अपनी बाँहें
समा गया वो
मेरी आँखों में
बनकर सपना ।
और चहका मेरी गोद में-
मेरा लाल! मेरा कान्हा बनकर।
आकाश ने विस्तार दिया,
सूरज ने अपना तेज,
सागर ने दिया
गाम्भीर्य और गहराई
पर्वत ने पक्के इरादे
और ऊँचाई।
मेरा सपना-
मेरे जीवन का सच है बना।
मेरे बेटे! मेरे लाल!
मेरा दिल! मेरी जान!
तू मेरा मान-अभिमान!
तेरे जीवन की राहें बुलाएँ तुझे
कर्म-क्षेत्र तेरा , दे सदाएँ तुझे।
न मानना हार कठिनाइयों से
न डरना जीवन की चुनौतिनियों से।
न बनना किसी के दुःख का कारण
न दुखाना किसी मज़लूम का दिल।
तेरे साथ है मेरी दुआएँ सदा -
रखना ध्यान अपना कि-
तू है जीवन मेरा।
मेरे लाल!
तू है- मेरे कान्हा का प्रसाद !
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Janmdin ki anekonek shubhkamnaon ke saath badhai rachnakar ko dil nikal kar rakh diya ho jaise itne sundar bhav bahut bahut badhai....👏👏👏👏🍰🎂
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावों की खूबसूरत रचना।दूआओं के साथ सीख भी।बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteजन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। बहुत खूबसूरत भावों से मँडी बेहतरीन रचना अनीता ललित जी हार्दिक बधाई।
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ReplyDeletepriy nihit ko janmdin ke awasar par sundar ,ujjwal bhavishy kii bahut-bahut shubhkaamanaayen !
..aur anita ji kii mamataamayee prastuti par bahut bahut badhaaiiyaana ..sadaiv iss such mein saraabor rahein .. :)
saadar/sasneh
jyotsna sharma
'sukh '...likhaa thaa ... :)
ReplyDeleteआप सभी की शुभकामनाओं का ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार! आपका आशीर्वाद बेटे निहित के लिए अनमोल है!
ReplyDeleteमेरे दिल के भावों को यहाँ स्थान देने हेतु भैया जी व हरदीप जी का बहुत आभार!
यूँ ही सदा स्नेह बनाए रक्खें!
~सादर
अनिता ललित
Aashish Nihitko. Shubhkaamnaaye
Deletepyar bhari duaon se bhari ,matri hridayke udagar gandh se suvasit kavita bahut hisunder hai .pyare nihit ko meri hardik shubh
ReplyDeletekamanayen .
pushpa mehra.
आदरणीया पुष्पा जी... आपके स्नेहसिक्त आशीर्वाद हेतु हृदय से आभार!
ReplyDeleteसदा यूँ ही स्नेह बनाये रखियेगा !
~सादर
अनिता ललित
प्यारे निहित को ढेरों बधाई, शुभकामनायें और आशीर्वाद!
ReplyDeleteहार्दिक आभार नूतन जी।
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
अनीता जी |सुन्दर भावों से सजी शिक्षाप्रद रचना है| हार्दिक बधाई और अनेकों शुभकामनाएं |
ReplyDeleteसविता अग्रवाल "सवि"
अमित जी व सविता जी... हृदय से आभार आपका !
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
Dher sari shubhkamnayen!
ReplyDeleteहृदय से आपका धन्यवाद ...आदरणीय उमेश महादोषी जी !
Delete~सादर
अनिता ललित
हिन्दी हाइकु के पुरोधा डॉ भगवतशरण अग्रवाल जी की मेल से प्राप्त टिप्पणी
ReplyDeleteFrom: Bhagwatsaran Agarwala [mailto:bhagwatsaranagarwala@gmail.com]
Sent: Thursday, June 18, 2015 10:20 AM
To: RD KAMBOJ
Subject: Re: आपकी शुभकामनाओं की आकांक्षी सहज साहित्य की एक और महत्त्वपूर्ण पोस्ट
ANita ji ko bdhai aur nihit ko karodo aashirvad. Bsagrawal
dheron badhaiyaan ! nihit ! aap hamesha swasth,prasnn v apne karyon mein safal rahen....kanha ji ka prasaad apnee mithaas... hamesha banaye rakkhe.maa ki prastuti mein kitna madhur prem nihit hai...naman!
ReplyDeleteआदरणीय डॉ भगवतशरण अग्रवाल जी... आपकी शुभकामनाएँ एवं बेटे निहित के लिए स्नेहसिक्त आशीर्वाद हेतु हृदय से आपका आभार !
ReplyDeleteसादर नमन आपको !
सदा स्नेह व मार्गदर्शन की अभिलाषी …
~अनिता ललित
बहुत ही सुन्दर... अत्यन्त स्नेहिल कविता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावों की खूबसूरत रचना
ReplyDeleteप्रिय निहित को जन्म दिन की अशेष शुभकामनाएं | बहुत सुन्दर ममतामयी उद्गार |
ReplyDeleteनन्हें निहित को ढेरों शुभकामनाएँ और आशीर्वाद...| मन के भाव अपनी पूरी अनुभूतियों के साथ सामने आए हैं...| बधाई...|
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