1-डॉ
सुधेश
क्या पता कब बैठ जाए तन ।
ज़िन्दगी तो इक सफ़र से कम नहीं
अनमना चलना पड़ेगा पाँव को ,
राही भटक ले सारे विश्व भर में
लौट आना ही पड़ेगा गाँव को ।
संकल्प के ऊँचे क़िलों को जीतना
है
इन हड्डियों में समाये कितनी थकन
।
रोज़ सपने बिन बुलाये अतिथि से
आ धमकते द्वार पर मेरे सवेरे
उन को टूटना ही था अगर आख़िर
क्यों लगाये मेरे नयन में डेरे ।
फिर भी देखता रंगीन सपने नित
क्या पता मन मीत से फिर हो मिलन ।
पर्वत चोटियाँ देखो बुलाती हैं
हरी घाटी गूंजती है गीत से
घृणा के ज्वाला मुखी नित उबलते हैं
सब दिलों को जीतना है प्रीत से ।
मेरे शब्द करते ऊँची घोषणा यह
यहाँ होगा फिर मुहब्बत का चलन ।
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1-मेरा राम तू, मेरा रहीम तू
नीतू शर्मा
नीतू शर्मा |
सुकून के पल मिलें
तेरी चौखट पर
फिरा मैं दर–बदर
बस राहत मिली तेरे दर पर
इस क़ायनात में
तेरा दीदार ही खुशनुमा हैं
तेरे बिना एक खलिश- सी हैं
और हर कोई गुमशुदा सा हैं
मेरी हस्ती है एक तेरे दम से
तेरी रहमत है मुझ पर
महफूज़ हूँ मैं हर ग़म से
बरसी है बरक़त तेरी मुझ पर
मुझे तो रहना है अब तेरी ख़िदमत में
मेरा राम तू, मेरा रहीम तू
मैं तो एक नादान- सा बन्दा हूँ
तू रहनुमा मेरी इस ज़िन्दगी का
मैं तो बस तेरे ही नूर का एक ज़र्रा हूँ ।
है गुजारिश एक तुझसे
ना करना जुदा कभी खुद से
तू ही तो है रब मेरा
नवाजे तू मुझे अपनी नवाजिश से
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नीतू शर्मा:
मैने जनवरी 2015 में मास्टर इन मास कम्युनिकेशन पास किया हैं, जिसमें
मुझे स्वर्ण पदक मिला हैं। । इसके अलावा
मैने पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा किया है ह्यूमन रिर्सोस
मैनेजमेंट में । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं ओर मैं दैनिक भास्कर, जयपुर, राजस्थान पत्रिका जयपुर, दैनिक युगपक्ष बीकानेर के लिए लिखती हूँ। मुझे कविताएँ लिखना भी पंसद हैं। इसके अलावा मैं आकाशवाणी
जयपुर में नाटक विभाग में नाटक भी लिखती हूँ ओर इसके साथ साथ आकाशवाणी जयपुर के
युवा कार्यक्रम युववाणी में कैजुअल एंकर का काम भी करती हूँ।
नीतू शर्मा, 1916, खेजड़ों का रास्ता, चाँदपोल बाजार, जयपुर 302001
बहुत सुन्दर रचनाएँ!
ReplyDeleteसुधेश जी, और नीतू जी को शुभकामनायें!
बहुत ही सार्थक और सुंदर हाइगा ज्योत्स्ना शर्मा जी !
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आपको सखी !
डॉ सुधेश जी बहुत सुंदर सकारात्मक रचना !
हार्दिक बधाई आपको!
नीतू शर्मा जी ख़ूबसूरत इबादत दर्शाती रचना !
हार्दिक बधाई आपको !
~सादर
अनिता ललित
धन्यवाद
Deletejyotsna ji ka haiga, maha anubhavi varishhth kavi dr. sudhesh ji ki aur neetu ji ki kavita bahut hi hridaygrahi hain. sabhi ko badhai.
ReplyDeletepushpa mehra.
धन्यवाद
Deleteबहुत खूबसूरत हाइगा और कविताएं!
ReplyDeleteज्योत्स्ना जी, डा० सुधेश जी तथा नीतू जी को बहुत-२ बधाई!
सुंदर हाइगा, भावपूर्ण रचनाएँ...ज्योत्स्ना शर्मा जी, डॉ सुधेश जी और नीतू शर्मा जी को हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteसुधेश जी, और नीतू जी को शुभकामनायें!
ReplyDeleteसुन्दर रचनाएँ
ReplyDeleteदोनों बहुत ही कमाल की रचनाएँ हैं ...सुधेश जी को बधाई और बधाई नीतू जी को ...
ReplyDeleteसुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
ReplyDeleteशुभकामनाएँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
भावपूर्ण और सुंदर रचनायें
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
आभार
धन्यवाद आप सभी का
ReplyDeleteपरमात्मा के रंग का संग कराया है।ऐसे पवित्र भाव के लिए आपको ढेरों शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचनाएं।
ReplyDeletebahut sundar rachanaayen !
ReplyDeleteaadaraneey Sudhesh ji evam neetu sharma ji ko haardik badhaaii ,shubhkaamanayen !!
sadar
jyotsna sharma
सुन्दर रचनाओं के लिए आप दोनों को बहुत बधाई...|
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