अनोखा ऐसा रिश्ता
डॉ०भावना
कुँअर
छाया:ऐश्वर्या कुँअर |
हर सुबह
ये लॉरीकीट जोड़ा
आवाज़ देता
मैं दौड़ी-दौड़ी जाती।
क्या-क्या कहता
समझ नहीं आता।
वह मेरे यूँ
चक्कर जो लगाता
मैं झट जाती
हाथों में दाने भर
यूँ ही आ जाती।
पलक झपकते
हाथों पे आ बैठते,
मुझे देखते
हौले-हौले चुगते,
न तो डरते
न ही मुझे डराते।
कैसा ये रिश्ता!
अटूट औ स्नेहिल।
सब अलग-
भाषा,जाति,रूप औ
रंग, फिर भी
समझते हैं हम
एक दूजे की,
सभी भावनाओं को
जरूरतों को,
ये कितना गहरा
सूझ-बूझ औ
प्यार से लबालब
अनोखा रिश्ता!
भाषा,जाति औ रूप
एक है होता
फिर भी जाने क्यों न
मिलता ऐसा
इंसानों के बीच ये
अनोखा प्यारा रिश्ता।
ये लॉरीकीट जोड़ा
आवाज़ देता
मैं दौड़ी-दौड़ी जाती।
क्या-क्या कहता
समझ नहीं आता।
वह मेरे यूँ
चक्कर जो लगाता
मैं झट जाती
हाथों में दाने भर
यूँ ही आ जाती।
पलक झपकते
हाथों पे आ बैठते,
मुझे देखते
हौले-हौले चुगते,
न तो डरते
न ही मुझे डराते।
कैसा ये रिश्ता!
अटूट औ स्नेहिल।
सब अलग-
भाषा,जाति,रूप औ
रंग, फिर भी
समझते हैं हम
एक दूजे की,
सभी भावनाओं को
जरूरतों को,
ये कितना गहरा
सूझ-बूझ औ
प्यार से लबालब
अनोखा रिश्ता!
भाषा,जाति औ रूप
एक है होता
फिर भी जाने क्यों न
मिलता ऐसा
इंसानों के बीच ये
अनोखा प्यारा रिश्ता।
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (08-05-2015) को "गूगल ब्लॉगर में आयी समस्या लाखों ब्लॉग ख़तरे में" {चर्चा अंक - 1969} पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
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निःशब्द कर दिया आपने हमें।
ReplyDeleteअनोखा ये रिश्ता .......... प्यार के रिश्ते को किसी भाषा में बाँधने की आवश्यकता नहीं है। ये रिश्ता पनपने लगता है खुद ब खुद जब आपके प्यार साँसों की महक फ़िज़ा में घुलने लगती है तो प्यार करने वाला खुद ब खुद चला आता है इन महकती साँसो में जीने के लिए।
हार्दिक शुभकामनाएँ !
हरदीप
सारगर्भित चोका भावना जी !!
ReplyDeleteMere man ki aavaj aap tak pahuchi, itne dil se tippani karne ke bahut bahut aabhar...
ReplyDeletepyar ke us adrishy ahsas ki mahima batata choka , jisase hum insan bahut door hain par mook pashu - paxi usake bahut nikat.
ReplyDeleteaise bhavaanupraNit ras ki gandh to unake man-praN ko vash mein kar leti hai.aise pyare jeevon ko pyar dene aur unse pyar pane ke liye hardik badhai yahi to sacha atmasukh hai bhavana ji jise ap un xaNon mein masoos kar pain.
pushpa mehra.
बहुत ही प्यारी , संवेदनशील और प्रेम का संदेश देती रचना | काश आज मनुष्य भी इन पशु पक्षियों से कुछ सीख पाते | इस जोड़े ने प्यार पाया और प्यार दिया | बहुत खूब भावना जी |
ReplyDeleteबहुत अनूठी, बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति!
ReplyDeleteभावना जी अभिनन्दन!
बेहद खूबसूरत चोका पढ़ कर मन आनंद से भर उठा.....हार्दिक बधाई भावना जी!
ReplyDeleteसचमुच! बहुत ही अनोखा, प्यारा रिश्ता ! इंसान-इंसान के बीच बहुत मुश्किल है ऐसा प्रेम और स्नेहयुक्त रिश्ता।
ReplyDeleteअतिसुन्दर अभिव्यक्ति !
हार्दिक बधाई आपको भावना जी !
~सादर
अनिता ललित
फिर भी जाने क्यों न
ReplyDeleteमिलता ऐसा
इंसानों के बीच ये
अनोखा प्यारा रिश्ता। BHAWNA JI ! BAHUT HI ANUTHA AHSAAS..!..EAK ANOKHE PREM KA ...SHUBHKAA,MNAO KE SAATH -
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bahut sundar praarthana . sarvshaktimaan kii dayaa ke sada paatr rahein sabhi . vipat hare mangal karein prabhu .
ReplyDeleteudaatt bhaavon se paripoorn sundar muktak !
saadar
jyotsna sharma
अति सुन्दर...हार्दिक बधाई...|
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