सुशीला शिवराण
1
देश स्वाधीन
शौर्य हुआ है पंगु
आदेश बिन ।
शौर्य हुआ है पंगु
आदेश बिन ।
2
सशस्त्र फौजी
खुद की रक्षा हेतु
स्वीकृति माँगे ।
खुद की रक्षा हेतु
स्वीकृति माँगे ।
3
पूछे बिटिया-
कब देगी आज़ादी
मुझे सुरक्षा ।
कब देगी आज़ादी
मुझे सुरक्षा ।
4
मुल्क आज़ाद
पाबंदी की जंजीरें
औरतें कैद ।
पाबंदी की जंजीरें
औरतें कैद ।
-0-
यथार्थ का चित्रण करते हाइकु - मर्मस्पर्शी
ReplyDeleteपूछे बिटिया-
कब देगी आज़ादी
मुझे सुरक्षा ।
4
मुल्क आज़ाद
पाबंदी की जंजीरें
औरतें कैद ।
अभी बहुत चलना है साथी..
ReplyDeleteबहुत समसामयिक अर्थ पूरण हाइकु। बधाई
ReplyDeleteसभी बहुत भाव प्रबल हाइकु ...!!
ReplyDeleteमुल्क आज़ाद
ReplyDeleteपाबंदी की जंजीरें
औरतें कैद ।
बहुत बढ़िया सुशीला जी...बधाई।
बहुत सामयिक..बहुत बढ़िया हाइकु। सुशीला जी!. बधाई।
ReplyDeleteaap ke sabhi haiku bahut vicharvan aur sundar hain. badhaai
ReplyDeletepushpa mehra
बहुत सार्थक सशक्त प्रस्तुति ....बहुत बधाई सुशीला जी !
ReplyDeleteपूछे बिटिया-
ReplyDeleteकब देगी आज़ादी
मुझे सुरक्षा ।
कितना सामयिक...|
बधाई...|
प्रियंका