घर लौटने तक
-डॉ अनीता कपूर
( 15 मार्च को पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के संयुक्त तत्त्वाधान में आयोजित हिन्दीतर भाषी नवलेखक शिविर चण्डीगढ़ में मुख्य वक्ता के रूप में पढ़ी गई ।)
तुमसे अलग होकर
घर लौटने तक
मन के अलाव पर
आज फिर एक नयी कविता पकी है
अकेलेपन की आँच से ।
समझ नहीं पाती
तुमसे तुम्हारे लिए मिलूँ
या एक और
नयी कविता के लिए ।
-0-
2-तीन मुक्तक
ज्योत्स्ना शर्मा
1
याद 'उनकी' हमें 'उन-सी प्यारी लगे ,
हर अदा इस ज़माने से न्यारी लगे ।
वो आयें ,ना आयें ये उनकी रज़ा;
बेरुखी भी हमें उनकी प्यारी लगे ।।
2
नयनों में स्वप्न जैसा सजाया तुम्हें,
मन्नतें लाख माँगी तो पाया तुम्हें
अब तुम्हें भूल जाऊँ ये मुमकिन नही;
इस दिल में धड़कनों- सा बसाया तुम्हें ।।
3
मोतियों को सीप में पलने नहीं देते ,
आँसुओं को भी यहाँ ढलने नहीं देते ।
किस कदर बेदर्द हैं ये आज के रिश्ते ;
देते हैं दर्द ,'आह ' निकलने नहीं देते । ।
सुन्दर रचनाएं पढवाने के लिए आभार..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचनायें।
ReplyDeleteभाईसाहब,जब भी कुछ अच्छा पढने का मन करता है मैं आपके ब्लॉग पर आती हूँ आज अनीता जी यह रचना मन को छू गई
ReplyDeleteसमझ नहीं पाती
तुमसे तुम्हारे लिए मिलूँ
या एक और
नयी कविता के लिए ।
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है
ज्योत्स्ना जी के मुक्तक बहुत अच्छे हैं खासकर तीसरा वाला.बधाई............
सादर,
अमिता कौंडल
1.अनीता जी की कविता शब्दों की गहराई लिए हुए मन के भीतर तक उतर जाती है ....
ReplyDeleteवाह ! एक उम्दा रचना !
अनीता जी को बधाई !
2.
ज्योत्स्ना जी के मुक्तक भी दिल को छूने वाले हैं ....मुझे तीसरा सबसे ज्यादा अच्छा लगा ........
हाए ये रिश्ते
हैं कितने बेदर्द
घाव ही देते
ज्योत्स्ना जी को बधाई
हरदीप
bahut hi sundar rachnayen...ek se badhkar ek....abhaar...
ReplyDeletebahut hi sundar rachnayen...ek se badhkar ek....abhaar...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचनायें...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता है अनिता जी की...अन्त तो कमाल है...। मेरी बधाई...।
ReplyDeleteप्रियंका
मोतियों को सीप में पलने नहीं देते ,
ReplyDeleteआँसुओं को भी यहाँ ढलने नहीं देते ।
किस कदर बेदर्द हैं ये आज के रिश्ते ;
देते हैं दर्द ,'आह ' निकलने नहीं देते ।
बस कमाल ही है। अनिता क्या लिखती है। मेरी हाद्धिक बधाई ।
सुन्दर रचनाएं पढवाने के लिए आभार
ReplyDeleteबहुत सुंदर सार्थक रचनाएँ आप दोनों को हार्दिक बधाई🙏🙏🙏👏👏👏👏👏
ReplyDelete