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क्या हुआ 'गर काम -काज में उलझे
जब भी यह दिन डाले फेरा
महक उठे घर -आँगन तेरा
कोई तो जन्म दिन मनाए मेरा
जी तो चाहता ही होगा आज तेरा
आओ मिलकर हम आज सारे
बिन मोमबत्तियों को फूंक मारे
बिन केक और बिन गुब्बारे
मिल बैठकर कुछ बात चलाएँ
और आपका जन्म दिन मनाएँ !
मिल बैठकर कुछ बात चलाएँ
और आपका जन्म दिन मनाएँ !
हरदीप कौर सन्धु (बरनाला)
हिमांशु जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
ReplyDeleteआओ मिलकर हम आज सारे
बिन मोमबत्तियों को फूंक मारे
बिन केक और बिन गुब्बारे
मिल बैठकर कुछ बात चलाएँ
और आपका जन्म दिन मनाएँ !
:)बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं.... हरदीप जी
हिमांशु जी को जन्म दिन मुबारक हो!
ReplyDeleteसुन्दर रचना!
होली की शुभकामनाएँ!
हिमांशु जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई ! स्वस्थ और सानन्द रहें, आने वाले समय में यही कामना करता हूँ।
ReplyDeleteआप सबकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक रूप से आभारी हूँ ।
ReplyDeleteदेर से ही सही मेरी ओर से भी बधाई स्वीकार करें।
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