पथ के साथी

Saturday, September 11, 2010

ईद का ये दिन

ईद का ये दिन
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
सबके घर में खुशियाँ लाए , ईद का ये दिन 
प्यार-भरे बादल बरसाए , ईद का ये दिन ॥
घोल न पाए कोई नफ़रत , किसी के दिल में।

पाक़ीज़गी रोज़ बिखराए, ईद का ये दिन ॥

6 comments:

  1. आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !
    बहुत सुन्दर !

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति।

    हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।

    देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें

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  3. कोई इतने प्यार से जब दुआ कर रहा हो

    फिर उन दुआओं का असर कैसे न हो....

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  4. yeh ek sachchai hai,ki har insaan ke dil mein piyar zaroor hota hai. Hamari Bhagwan se yehi dua hai, ki aapkI'EID KA YEH DIN' kavita parhkar har insaan ke dil mein se piyar ki kopalein khil parein aur aane wale samay mein ek vishal kaaye perh bankar,aapas ki nafrat ko samapt kar dein, aur sab jagah piyar hi piyar ki hawaen chalne lagein. From:- Mumtaz & family

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  5. रामेश्वर जी
    आप छोटी छोटी पक्तियों में सरलता से सबकुछ कैसे कह लेते है
    आपकी हाइकु विधा बड़ी अच्छी है

    मधुMM
    http://kavyachitra.blogspot.com

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