पथ के साथी

Wednesday, July 12, 2023

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रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


























19 comments:

  1. वाह वाह सर ! बहुत सुन्दर, बहुत दूर तक बहुत देर तक ह्रदय के तारों को झंकृत करने वाली पंक्तियाँ ।

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  2. पाने और खोने का यही क्रूर सिलसिला/हासिल है जीवन का हे प्रिय!...हृदय की करुणा जाग्रत करती गम्भीर अर्थव्यजंक कविता।हार्दिक बधाई भाई साहब।

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  3. मर्मांतक रचना, मन का तार तार झंकृत करने वाली

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  4. अत्यंत मार्मिक

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  5. पाना और खोना जीवन के यथार्थ का सुंदर चित्रण करती मर्मस्पर्शी कविता। बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

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  6. अत्यंत सुंदर... भावपूर्ण... हृदय की गहराई को स्पर्श करती रचना 🙏🌹

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  7. बहुत सुंदर सृजन।

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  8. लाजबाब.... कम शब्द में एक पूरे ग्रंथ का सार समेटे कविता.... बधाइयाँ भैया

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  9. डाॅ. कुँवर दिनेश सिंह12 July, 2023 19:37

    भावपूर्ण कविता! हार्दिक बधाई!🌷

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  10. भावपूर्ण कविता है भैया ,

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  11. बहुत सुंदर कविता

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  12. भावविभोर करने वाली पंक्तियाँ।बहुत सुंदर।

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  13. आपके शब्द मेरे लिए संजीवनी हैं. हृदय तल से आभार सबका

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  14. अति सुन्दर व भावपूर्ण लिखा है‌ ,आपने हार्दिक बधाई अंकल जी

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  15. Dr Nirmal Saini13 July, 2023 09:25

    बहुत सुंदर रचना
    अद्भुत।

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  16. सही कहा - पाने और खोने का यही क्रूर सिलसिला..

    भावपूर्ण रचना
    नमन गुरुवर

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  17. बहुत देर तक साथ रही यह रचना। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति भाई साहब!

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  18. अति सुन्दर कविता और कविता के भाव. हार्दिक बधाई काम्बोज भैया.

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  19. क्या खोना और क्या पाना...मन को छूती इस सुन्दर रचना के लिए आदरणीय काम्बोज जी को बहुत बधाई

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