पथ के साथी

Wednesday, April 26, 2023

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अम्मा  ( मुल्तानी)

अंजू खरबंदा

 

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा

तुआडी मिठड़ी गालहीं ते तुआडी डांट

तुआडा सांकू समझावणा

ते कडइ कडइ रुस रुस वंजणा

बऊँ याद आन्दे हो तुस्सा अम्मा...

घुँघलुं ते गोभी दे फुल्ल सुखावणा

पितल दे भांडया वेच सब्जी बंणावणा

बाल के कोले दी अंगीठी

साकूँ ठड तू बचावणा

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा...

माँ दा फर्ज तुस्सा सदा निभाया

अपने बुड्ढे  शरीर दी परवा न कर

सदा साडा साथ निभाया

कीवै भुल सगदे हाँ तुआडा प्यार अम्मा

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा...

ढेरों-ढेर कपड़े-लत्ते दियाँ पंडा

केरी गोबर दे उपल्या दा गंडा

उत्तो साडी सेवा दा डंडा

कड़ाई तुस्सा उफ़ न कीती अम्मा

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा....

राम राम लिखणा मैकू सिखा डेओ

प्रांदी कसके गुत्त मैडी बंणा डेओ

अधा कप चा ते पिला डेओ

चपा रोटी मेकु खावा डेओ

हर गाल तुआडी याद हे अम्मा

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा...

शनील दा सुंणा थैला चाके

तेल दे पीपे कू कपड़ेयाँ दा बक्सा बंणा के

मेरठ दी बस वेच चढ़ वंजणा

कित्ते डी थी गएन भिरावां कुं मिल घिनंणा

हर गाल तुआडी याद हे अम्मा

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा...

102 साला दी उमर तुसां पायी

वेलेंटाइन डीँह आले  विछोड़ा हाई

तुसी वंज मिले अपणे वेलेंटाइन कुं

साकूँ डे गए मंण भर जुदाई

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा...

बऊँ याद आन्दे हो तुसां अम्मा...

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अम्मा ( हिन्दी)

 

बहुत याद आते हो अम्मा

आपकी मीठी बातें और आपकी डाँ

आपका हमें समझाना

और कभी रूठ रूठ जाना

बहुत याद आते हो अम्मा!

शलगम और गोभी के फूल सुखाना

पीतल के बर्तनों में खाना बनाना

जला कर कोयले की अंगीठी

हमें ठंड से बचाना

बहुत याद आते हो अम्मा!

माँ का फर्ज सदैव आपने निभाया

अपने बूढ़े शरीर की परवाह न कर

सदैव हमारा साथ निभाया

कैसे भूल सकते है आपका प्यार अम्मा

बहुत याद आते हो अम्मा!

ढेरों ढेर मैले कपड़े का पंडा

केरी गोबर के उपलों का गंडा

ऊपर से हमारी सेवा का डंडा

कभी आपने उफ़ न को अम्मा

बहुत याद आते हो अम्मा!

राम राम लिखना मुझे सीखा दो

प्रांदी कसके चोटी मेरी बना दो

आधा कप चाय तो पिला दो

चौथाई रोटी मुझे खिला दो

हर बात आपकी याद है अम्मा

बहुत याद आते हो अम्मा!

शनील का सुंदर सा थैला उठाकर

तेल के टिन को कपड़ों का बॉक्स बनाकर

मेरठ की बस पर चढ़ जाऊँ

कितने दिन हो गए भाइयों को मिल आऊँ

हर बात आपकी याद है अम्मा

बहुत याद आते हो अम्मा!

102 बरस की उम्र आपने पाई

वेलेंटाइन वाले दिन बिछोह हुआ

आप तो जा मिले अपने वेलेंटाइन से

हमें दे गए मण भर जुदाई

बहुत याद आते हो अम्मा

बहुत याद आते हो अम्मा!

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पंडा : काफ़ी सारे

केरी : कोयले का चूरा

गंडा : बनाकर रखना

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13 comments:

  1. बहुत सुन्दर ,हार्दिक शुभकामनाएँ ।मेरठ की बस में चढ़ जाऊँ ..मुल्तानी में नहीं दिखा ।सम्भव हो तो टिप्पणी में लिख देना अंजू जी ।

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    1. नमस्कार सर
      है न मेरठ शब्द 😊

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  2. माँ की याद की बहुत सुन्दर कविता । मुल्तान भाषा , पंजाबी के आस पास है । भाव समझ आ गया । बधाई ।
    विभा रश्मि

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  3. मुल्तानी भाषा की संजीदा कविता । बधाई ।
    विभा रश्मि

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  4. माँ के प्रति भावमय उद्गार! बधाई अंजू जी

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  5. बहुत सुन्दर

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  6. बहुत सुंदर कविता...

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    1. दिल से शुक्रिया 🌹🌹

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  7. अति सुन्दर कविता।बधाई अंजू जी।

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    1. हार्दिक आभार 🌹🌹

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  8. अति सुंदर,भावपूर्ण कविता। मुलतानी भाषा में अपनी ही मिठास है।पढ़ने में बहुत अच्छा लगा। सुदर्शन रत्नाकर

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    1. खूब स्नेह प्रिय दी ❤️

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  9. बहुत सुंदर रचना ...बधाई।

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