पथ के साथी

Wednesday, March 1, 2023

1296-क्षणिकाएँ

कृष्णा वर्मा  

1

दिन पर दिन

चेहरे यूँ रंग बदलने लगे

दुर्योधन भी

मर्यादा की बात कर छलने लगे।  

2 

मैं ने तुम को

अपने क़दमों पर न चलाया होता

जीवन -संघर्ष नहीं,

सुख का साया होता।

3 

जीवन बड़ा उपहार

प्रेम साक्षात् ईश्वर

और बंदगी

आभार का इज़हार।

4 


दिल में जिनके इसकी उसकी

पीड़ा पलती है

कोरे काग़ज़ पर उनकी ही

लेखनी चलती है।

5 

उठा न सके 

जिस दिन मेरे काँधे 

तुम्हारी धृष्टता का बोझ

विश्वास करो 

उस दिन सबसे पहले 

मुँह के बल गिरेगा 

तुम्हारा अहं।  

6 

बुरा करनेवालों को

हटाया नहीं अपनी सूची से

आने वाले समय में

यही लोग तो देंगे

मेरे हौसलों की गवाही।

7 

कब रहती हैं शाख़ाएँ

जड़ों के समीप

ज़रा जवान हुई नहीं कि

उठाने लगती हैं

घोसलों की ज़िम्मेदारियाँ।

कौन समझाए पतझड़ को

क्यों खामखा लेता है बदनामी

जी चुके जो अपने हिस्से का

उन्हें तो लाज़िम गिर जाना है।

 9

अपनों से मिले ज़ख़्मों को

ढकते रहे सब्र के फ़ाहों से

रिसना तो बंद हो गए

पर भूले नहीं ताउम्र टिसटिसाना।

10 

उलझ गए जो

दिल से दिमाग तक की यात्रा में

तो भूल जाएगी ज़िंदगी गुनगुनाना।

11 

उलझ न जाना

इस अंतहीन तुलना के खेल में

तुलना की शुरुआत ही होती है

आनन्द की इति।

 -0-

9 comments:

  1. एक से बढ़कर एक सुंदर क्षणिकाएँ, इस क्षणिका का तो आनन्द ही अलग है-
    जीवन बड़ा उपहार
    प्रेम साक्षात् ईश्वर
    और बंदगी
    आभार ।
    बधाई कृष्णा जी।

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  2. सुंदर क्षणिकाएँ आद. कृष्णा जी 🌹🙏

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  3. बहुत सुंदर क्षणिकाएँ।
    हार्दिक बधाई आदरणीया कृष्णा दीदी को

    सादर

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  4. वाह! गहन भावपूर्ण क्षणिकाएँ!! बहुत बहुत बधाई कृष्णा जी!

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  5. सभी क्षणिकाएँ एक से बढ़कर एक हैं हार्दिक बधाई कृष्णा जी।सविताअग्रवाल “सवि”

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  6. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण क्षणिकाएँ। हार्दिक बधाई कृष्णा जी।

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  7. सुदर्शन रत्नाकर

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  8. अहा ! अब क्या कहें... एक से बढ़कर एक मनभावन क्षणिकाएँ
    निम्न तो बहुत ही बेहतरीन -
    .. और बंदगी / आभार का इज़हार
    .. दुर्योधन भी / मर्यादा की बात कर छलने लगे।
    .. ज़रा जवान हुई नहीं कि / उठाने लगती हैं/ घोसलों की ज़िम्मेदारियाँ।
    .. जी चुके जो अपने हिस्से का / उन्हें तो लाज़िम गिर जाना है।
    .. रिसना तो बंद हो गए / पर भूले नहीं ताउम्र टिसटिसाना

    दिल से नमन एवं सुंदर सृजन के लिए बधाई कृष्णा जी

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  9. बेहतरीन क्षणिकाएँ, बहुत बधाई

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