1-स्वीकारोक्ति
भीकम सिंह
बड़े ध्यान से
पेंशनर ने पढ़ा
अपना-
जीवित होने का
प्रमाण-पत्र
पढ़कर
मरने के पल
याद आये
उन पलों से जुड़े कुछ
नाम
उन नामों से जुड़े
अभद्र काम
कुछ दिन के
कुछ रात के
कुछ बिना बात के
कुछ अटके
कुछ भटके
कुछ सुदूर तट के
आत्मा ना उठा पाई थी
जिनका भार
ना जानें कितनी बार
तब किसी ने नहीं माँगा
जीवित होने का
प्रमाण-पत्र ।
-0-
-ग़ज़ल
विनीत मोहन-फ़िक्र सागरी
नये मरहलों में नयी रात होगी
मुहब्बत में उनसे मुलाकात होगी ।
यहाँ इश्क में जीत मिलने से पहले
कभी शह मिलेगी कभी मात होगी।
न दुनिया को कोसो न अपना मुकद्दर
मिलेगा तुम्हारी जो औकात होगी।
बदल दो सभी अपनी आदत पुरानी
नयी जिंदगी की शुरुआत होगी।
हुई जो शरारत न लो उस को दिल पर
किसी मनचले की खुराफात होगी।
वदलती है हर शय जहाँ में हमेशा
खुदा के रहम की भी बरसात होगी।
गमे जिंदगी में रहे दर्द शामिल
नये जख्म भी 'फ़िक्र' सौगात होगी।
-0-ग़ज़लकार एवं सॉनेटियर,सागर, मध्यप्रदेश
2-पेड़
अनिमा दास
मेरी गोद मे
सिर रख सो जा तू
बाँहें पसारे खड़ी हूँ मैं
दुख सारे बाँट ले मुझसे
तेरी माँ हूँ मैं ...।
रोज़ सींचूँ साँसें तुम्हारी
अणु- अणु है मेरी अमृतधारा
आ ! मैं तेरा जीवन सँवार दूँ
आशाओं की बारिश करूँ मैं
तेरी माँ हूँ मैं ......।
शाखाएँ मेरी सपने हैं तेरे
स्नेहिल स्पर्श से
सावन की बौछार दूँ मैं
तेरी माँ हूँ मैं .....।
ये शीतल छाया
फिर कब मिलेगी?
तपती धूप में
तू कब तक जलेगा?
आ ! कोमल बचपन तुझे दूँ
करूँ मैं
तेरी माँ हूँ मैं .....।
तेरी माँ हूँ मैं .......।
-0-
बहुत ही सुंदर तिर्यक भाव सर... आद. भीकम सर जी असीम बधाई 💐🌹🙏
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत शानदार ग़ज़ल सर... आद. विनीत मोहन सर जी... 🌹🌹💐💐असीम बधाई 🌹🌹
भीकम सिंह जी की कविता तीक्ष्ण भाव सम्पन्न है,विनीत मोहन जी की बहुत सुंदर ग़ज़ल। जहाँ माँ है,वहाँ सब सुंदर ही सुंदर है ।आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
ReplyDeleteभीकम सिंह जी की आत्म मंथन को मजबूर करती कविता अच्छी बनी है बधाई।
ReplyDeleteअनिमा जी की पृथ्वी की उदात्तता को दर्शाती उत्तम कविता बधाई।
फ़िक्र साहब की उम्दा ग़ज़ल। मुबारक।
आदरणीय भीकम जी और अनिमा जी को सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई एवं आभार 💐🙏
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी हैं तीनों रचनाएँ!
ReplyDeleteअनिमा दास जी की मनोहर कविता और प्रो विनीत मोहन औदिच्य-फिक्र सागरी जी ने प्रभावित किया है, दोनों को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन।
ReplyDeleteआप तीनों को हार्दिक बधाई आदरणीय।
सादर
तीनों सृजनकर्ता को हार्दिक बधाई। बहुत सुंदर भिन्न भिन्न भावों के दर्शन पढ़ने को मिले।
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन। तीनों सृजनकर्ता को हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन...आप तीनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचनाएं। रचनकारों को हार्दिक बधाई।-परमजीत कौर'रीत'
ReplyDeleteसुंदर लिखा। हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसोचने को विवश करती कविता! आदरणीय भीकम सर जी को हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteसुन्दर ग़ज़ल ! आदरणीय विनीत मोहन जी को हार्दिक बधाई!
माँ के वात्सल्य को दर्शाती आदरणीया अनिमा दास जी को हार्दिक बधाई!
~सादर
अनिता ललित