रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
आहा... इतनी सुंदर कविता.. इतना सुंदर भाव.... वास्तव में सर.... इस काव्य स्रोत में मन बह गया.... बधाई सर 🌹🌹🌹🙏
बहुत सुंदर,अन्तस् को रससिक्त करती रचना हेतु आपकी लेखनी को नमन।आपको हार्दिक बधाई।
अँजुरी भर न पी सके हम कितनी बड़ी यह त्रासदी...- बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति!हार्दिक बधाई! 🌹
बहुत सुन्दर भाव भैया सादर रचना
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति। नये वर्ष में पहली बेहतरीन कविता की हार्दिक बधाई।
आदरणीय सर, सुंदर भाव पूर्ण कविता के सृजन हेतु हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर
शब्दों और भावों का सुन्दर संगम , अप्रतिम रचना , बधाई भैया
हृदय की सम्पूर्ण गहराई से आप सबका आत्मीय आभार।
बहुत ही अनुपम, सरस रचना।हार्दिक बधाई गुरुवर को।सादर प्रणाम 🙏🏻
बहुत ही सुंदर कविता। मन छूती ।
बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत सुंदर 👌🙏👌
बहुत सुंदर भाव।बधाई भैया।
बहुत उम्दा कविता 👌
आप सभी को हृदयतल से बधाई।
हृदय से निकले शब्द बहुत कुछ कह जाते हैं,अंत में अपने ही केवल याद रह जाते हैं | एक सच्ची अनुभूति ! बहुत सुंदर -श्याम हिन्दी चेतना
बहुत सुंदर सरस भावाभिव्यक्ति...हार्दिक बधाई।
भाई काम्बोज जी की कविता काव्य रस धार बहाती कविता है आनंद आया पढ़कर | हार्दिक बधाई |
एक से बढ़कर एक रचना ......तेरे अधर के सुर मिले .... कह सके ना जो उम्र भर ...अँजुरी भर ना पी सके हम ...बेहद सुंदर ..... गुरुवर की लेखनी को नमन हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत सुंदर रचनाएँ, धन्यवाद आदरणीय!
बहुत ही सुन्दर भाव।गुरु जी की सभी रचनाएंँ मन मोहने वाली है।आपकी रचनाएं पढ़ के सदैव मन को संतुष्टि की ही अनुभूति होती है।बहुत प्यारे भाव।💐
भावपूर्ण एवं मनोहारी रचना के लिए बधाई आपको | नव वर्ष मंगलमय हो शशि पाधा
बहुत ख़ूबसूरत रचनाएँ. मरुभूमि की प्यास मेरी... कितनी बड़ी त्रासदी. इस रचना के भाव मानो सीधे आकर मन में चुभ गए. कितना कुछ रह जाता है कहना, वक़्त हमें चुप करा देता है. नव वर्ष पर भावपूर्ण रचनाओं के लिए बधाई काम्बोज भैया.
अनुपम भावों का संगम ...सादर वन्दन 🙏🙏
बहुत मनभावन...आदरणीय काम्बोज जी को मेरी हार्दिक बधाई
आहा... इतनी सुंदर कविता.. इतना सुंदर भाव.... वास्तव में सर.... इस काव्य स्रोत में मन बह गया.... बधाई सर 🌹🌹🌹🙏
ReplyDeleteबहुत सुंदर,अन्तस् को रससिक्त करती रचना हेतु आपकी लेखनी को नमन।आपको हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteअँजुरी भर न पी सके हम
ReplyDeleteकितनी बड़ी यह त्रासदी...
- बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति!
हार्दिक बधाई! 🌹
बहुत सुन्दर भाव भैया
ReplyDeleteसादर
रचना
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति। नये वर्ष में पहली बेहतरीन कविता की हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteआदरणीय सर, सुंदर भाव पूर्ण कविता के सृजन हेतु हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteशब्दों और भावों का सुन्दर संगम , अप्रतिम रचना , बधाई भैया
ReplyDeleteहृदय की सम्पूर्ण गहराई से आप सबका आत्मीय आभार।
ReplyDeleteबहुत ही अनुपम, सरस रचना।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई गुरुवर को।
सादर प्रणाम 🙏🏻
बहुत ही सुंदर कविता। मन छूती ।
ReplyDeleteबेहतरीन रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर 👌🙏👌
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव।बधाई भैया।
ReplyDeleteबहुत उम्दा कविता 👌
ReplyDeleteआप सभी को हृदयतल से बधाई।
ReplyDeleteहृदय से निकले शब्द बहुत कुछ कह जाते हैं,
ReplyDeleteअंत में अपने ही केवल याद रह जाते हैं | एक सच्ची अनुभूति ! बहुत सुंदर -श्याम हिन्दी चेतना
बहुत सुंदर सरस भावाभिव्यक्ति...हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteभाई काम्बोज जी की कविता काव्य रस धार बहाती कविता है आनंद आया पढ़कर | हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक रचना ......
ReplyDeleteतेरे अधर के सुर मिले ....
कह सके ना जो उम्र भर ...
अँजुरी भर ना पी सके हम ...
बेहद सुंदर .....
गुरुवर की लेखनी को नमन
हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत सुंदर रचनाएँ, धन्यवाद आदरणीय!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भाव।गुरु जी की सभी रचनाएंँ मन मोहने वाली है।आपकी रचनाएं पढ़ के सदैव मन को संतुष्टि की ही अनुभूति होती है।बहुत प्यारे भाव।💐
ReplyDeleteभावपूर्ण एवं मनोहारी रचना के लिए बधाई आपको | नव वर्ष मंगलमय हो
ReplyDeleteशशि पाधा
बहुत ख़ूबसूरत रचनाएँ. मरुभूमि की प्यास मेरी... कितनी बड़ी त्रासदी. इस रचना के भाव मानो सीधे आकर मन में चुभ गए. कितना कुछ रह जाता है कहना, वक़्त हमें चुप करा देता है. नव वर्ष पर भावपूर्ण रचनाओं के लिए बधाई काम्बोज भैया.
ReplyDeleteअनुपम भावों का संगम ...
ReplyDeleteसादर वन्दन 🙏🙏
बहुत मनभावन...आदरणीय काम्बोज जी को मेरी हार्दिक बधाई
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