पथ के साथी

Tuesday, March 23, 2021

1062-संवाद

साहित्य -संवाद  

बहन डॉ. जेन्नी शबनम, अनिल पाराशर'मासूम', शानू  पाराशर जी से 21 मार्च को इण्डियन कॉफ़ी हाउस में साल भर की  महामारी की उदासी से निकलकर खुले में पेड़ों के नीचे बैठना और साहित्य-चर्चा, एक सुखद झोंके की तरह था। बातचीत में समय कब  पंख लगाकर उड़ गया, पता ही न चला। प्रवासी मन-डॉ. जेन्नी शबनम, तीसरा पहर-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', और 'ख़्वाब क़तारों में(सम्पादक -अनिल पाराशर'मासूम') का अनौपचारिक विमोचन। कॉफ़ी का स्वाद बातचीत के साथ बहुत आनन्ददायक था। इस अवसर पर अपने सभी अन्तरंग साथियों और परिवारजन को भी याद किया। 

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'











6 comments:

  1. काम्बोज भैया, कोरोना के कारण पुस्तक का विमोचन समारोह नहीं हो पाया था। परन्तु मेरी पुस्तक ‘प्रवासी मन‘ का वेबिनार के माध्यम से विमोचन हुआ, यह बेहद खुशी की बात है। उस दिन का हमारा अनौपचारिक विमोचन एक यादगार की तरह है। आपके हाथ में मेरी पुस्तक को देखना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। पुस्तक प्रकाशन और विमोचन के लिए आपकी आभारी हूँ। आपका आशीर्वाद यूँ ही मुझे आजीवन मिलता रहे, यही कामना है। अनिल जी को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई। यादगार पलों को साझा करने के लिए धन्यवाद।

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  2. कम्बोज भाई आप का साथ हमेशा बहुत अच्छा लगता है। धन्यवाद समय देने के लिए और अपने शब्दों में उन पलों को स्थान देने के लिए

    अनिल 'मासूम'
    शानू पाराशर

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  3. उस दिन के लिए सबका आभार। अच्छी चर्चा हुई साहित्य पर।
    काम्बोज

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  4. अति उत्तम, हार्दिक बधाई, शुभकामनाएँ।
    डॉ कविता भट्ट 'शैलपुत्री'

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  5. वाह, बहुत बढ़िया।

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  6. वाह ! इन सभी चित्रों को देख कर मन प्रसन्न हो गया | सबसे पहले तो आप सभी को इस पुस्तक विमोचन के लिए बहुत बधाई और शुभकामनाएँ...और साथ ही भविष्य के लिए एक सुखद आशा कि इस कठिन दौर से भी हम में से हर कोई सफलतापूर्वक बाहर निकलेगा और एक दिन साहित्य चर्चा के लिए सब लोग एक साथ फिर से मिल बैठेंगे |

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