स्मृति का मायावी वृक्ष
- रश्मि विभा त्रिपाठी
मैं बागवानी में नहीं दक्ष
और न ही किसी
वनस्पति विज्ञानी के
समकक्ष
खड़ा मेरे समक्ष
स्मृति का
एक मायावी वृक्ष
समीप ही मन-कक्ष
वातायन से देखूँ
तो इठला रहा
बोध को झुठला रहा
रात्रि-दिवस का अनुसंधान
अतीत का कुछ सामान
वे सारे तिनके,
याद आया मुझे
एक दिन
लापरवाही से
फेंक दिए थे
जो आँखों में थे तिरे
छिटक कर दूर जा गिरे
मन की मिट्टी में
सोचा कि दफ़्न हो गए
मगर वही तिनके
बीज बन
भीतर अँखुआए
और फिर लहलहाए
एक पेड़ के प्रतिरूप में
जिसकी जड़ें
मेरे अंतस्तल में
फैली हुई हैं
मैं अब समझी-
क्यों लगता है कभी
जैसे कोई मुझे बाँध रहा
स्मृति के आँगन का
मायावी वृक्ष
मुझ पर
माया का शर
साध रहा
बिंध गई हूँ
जैसे कि भीष्म
शरद्, हेमंत,
ग्रीष्म
ऋतु विपरीत बदले रंग
कहीं शिशिर में
बिखरते हो पीत पर्ण,
अनेक वर्ण
बन बसंत का दूत
बरसाए न्यारी सुगंध
खिल उठे हरसिंगार- सा
कहीं पहले प्यार -सा
तो कभी सावनी फुहार -सा
मुझे जाने क्यों खींचता
मन अकारण ही
इसे सींचता
मैं सोचती हूँ
कभी तो माया से
मुझे मुक्त कर
स्मृति का कल्पवृक्ष
मेरे बीते दुख-संताप से
देगा पूर्ण निदान
जैसे बुद्ध को
बोधिवृक्ष के तले
प्राप्त हुआ था निर्वाण।
स्मृति के मायावी वृक्ष को बख़ूबी अपने मन के भावों की माला में पिरोया है रश्मि जी , हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया।
Deleteसादर 🙏🏻
This is one of unique creation by the great poetess miss Rashmi vibha Tripathi ji .the writer of modern era.God bless you
ReplyDeleteRespected Sir, I'm very thankful to you that you liked my poem.
DeleteWarm regards
Rashmi Vibha Tripathi
This seems to b god sent you on this earth so that you can write so well and touch the hearts of people .I never saw in life that young little great girl can write so well I have become your fan
ReplyDeleteDear ma'am, I'm heartily thankful to you to read my poem and I'm so happy that my poem touched your core of heart.
DeleteWarm regards
Rashmi Vibha Tripathi
You write so well dear Rashmi ji salute you
ReplyDeleteI m so happy to read your poems
बहुत ही सुन्दर रचना••• वाह,हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय।
Deleteसादर🙏🏻
बहुत सुंदर, हार्दिक बधाई
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Deleteहार्दिक आभार आदरणीय।
Deleteसादर 🙏🏻
बहुत सुंदर फैंटेसी कविता ।बहुत-बहुत बधाई रश्मि विभा जी।
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Deleteहार्दिक आभार आदरणीया।
Deleteसादर 🙏🏻
बहुत ही सुन्दर रचना•••हार्दिक बधाई रश्मि विभा जी।
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Deleteहार्दिक आभार आदरणीया दीदी।
Deleteसादर 🙏🏻
बहुत सुन्दर कविता...अंत बहुत खूबसूरत लगा, बहुत बधाई |
ReplyDeleteसुनदर रचनाओं हेतु हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसुंदर रचना, हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-परमजीत कौर'रीत'
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