रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
बहुत सुंदर भावपूर्ण कविता। सच में हर मुस्कान के पीछे दर्द की एक नदी बहती है
दुख सहने के लिए होते हैं, दुखी होने के लिए नहीं, यह समझ आने तलक ज़िंदगी गुज़र जाती है, बिना मुस्कुराए ही, जिसने मर्म को जान लिया , वही जीया। हार्दिक बधाई सुंदर कविता की आदरणीय।
बहुत सुंदर,भावों की कोमलता सुकुमारता और पावनता को बहुत ही खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत किया आपने, अनेक बधाई भैया💐😊🙏
बहुत भावपूर्ण, मार्मिक अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आदरणीय भाईसाहब जी।
बहुत भावपूर्ण बहुत सुंदर
बहुत बढ़िया
बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...हार्दिक बधाई भाईसाहब।
बहुत ही मार्मिक,गम्भीर अर्थ व्यंजक कविता।सादर नमन।
बहुत सुंदर, भावपूर्ण कविता! हार्दिक बधाई!
बिंब और प्रतीकों को उभरारने का हुनर किसी ओर को भी सिखा दो सर , बेहतरीन से थोड़ा ऊपर ।
बहुत सुंदर मार्मिक कविता, धन्यवाद भाई साहब!!
सच कहा जो जितने जोर से हँसता है वह उतना ही अंदर से दुखी होता है ।
मार्मिक कविता
वही दूसरों की खुशी का ख्याल रखता है । जिसने दुख जिया हो....बहुत ही लाजवाब हृदयस्पर्शी सृजन
उसकी हर हँसी की खनक मेंदर्द की नदी दबी पड़ी थीगहन भाव लिए, संवेदना में पगी अत्यंत भावपूर्ण और मार्मिक रचना। लाजवाब कविता
आप सबका हृदय से आभार । काम्बोज
दिल को छू लेने वाली रचना...हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें
बहुत मार्मिक रचना भैया जी, हार्दिक बधाई ।
बहुत सुंदर भावपूर्ण कविता। सच में हर मुस्कान के पीछे दर्द की एक नदी बहती है
ReplyDeleteदुख सहने के लिए होते हैं, दुखी होने के लिए नहीं, यह समझ आने तलक ज़िंदगी गुज़र जाती है, बिना मुस्कुराए ही, जिसने मर्म को जान लिया , वही जीया। हार्दिक बधाई सुंदर कविता की आदरणीय।
ReplyDeleteबहुत सुंदर,भावों की कोमलता सुकुमारता और पावनता को बहुत ही खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत किया आपने, अनेक बधाई भैया💐😊🙏
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण, मार्मिक अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आदरणीय भाईसाहब जी।
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...हार्दिक बधाई भाईसाहब।
ReplyDeleteबहुत ही मार्मिक,गम्भीर अर्थ व्यंजक कविता।सादर नमन।
ReplyDeleteबहुत सुंदर, भावपूर्ण कविता! हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteबिंब और प्रतीकों को उभरारने का हुनर किसी ओर को भी सिखा दो सर , बेहतरीन से थोड़ा ऊपर ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर मार्मिक कविता, धन्यवाद भाई साहब!!
ReplyDeleteसच कहा जो जितने जोर से हँसता है वह उतना ही अंदर से दुखी होता है ।
ReplyDeleteमार्मिक कविता
ReplyDeleteवही दूसरों की खुशी का ख्याल रखता है । जिसने दुख जिया हो....
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब हृदयस्पर्शी सृजन
उसकी हर हँसी की खनक में
ReplyDeleteदर्द की नदी दबी पड़ी थी
गहन भाव लिए, संवेदना में पगी अत्यंत भावपूर्ण और मार्मिक रचना। लाजवाब कविता
आप सबका हृदय से आभार । काम्बोज
ReplyDeleteदिल को छू लेने वाली रचना...
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें
बहुत मार्मिक रचना भैया जी, हार्दिक बधाई ।
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