पथ के साथी

Tuesday, May 26, 2020

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डॉ.गिरिराज शरण अग्रवाल

1-कोरोना का काँटा

कोरोना के काल में त्यागे शिष्टाचार 
दुख में भी जाएँ नहीं, करते रहे विचार।
करते रहे विचार, ग़मी में गर हम जाएँ 
कोरोना का काँटा लेकर संग में आएँ
संबंधों को हमने बना दिया है बौना 
कैसा दुष्ट प्रहार किया तूने कोरोना।

2-शिष्टाचार

कैसे हम जाएँ   भला शादी में सरकार 
लिखा कार्ड में 'दूर से दीजे बस दीदार'
दीजे बस दीदार, घनी पहरेदारी है 
नहिं आएँ सरकार इसी में हुशियारी है।
शादी हो जाएगी भैया जैसे-तैसे 
कोरोना ने मारे तीर चुभाकर कैसे।

3-ट्टी पर ताला

ताला हट्टी पर लगा, इतंज़ार में लोग 
लेकर बोतल जाएँगे, लगे भले ही रोग 
लगे भले ही रोग, किया इतने दिन फ़ाक़ा
पीने वाले की खिड़की से देखा, झाँका 
अभी पिएँगे, रात पिएँगे, हो मतवाला 
कैसे सहन करें बतला, हट्टी पर ताला 

4-अब घर पर मिलेगी
1
भाया, जब घंटी बजी मैडम पहुँचीं द्वार 
लाया होगा दूध वो ऐसा किया विचार 
ऐसा किया विचार, दूधवाला यूँ बोला 
नहीं दूध मैं देता, मैंने बदला चोला 
सर जी ने मँगवाई बोतल लेकर आया 
सरकारी आदेश मँगाओ घर पर भाया

2
जब चाहो मिल जाएगी घर पर बोतल यार 
फिर क्यों लाइन में लगें बिन मतलब सरकार 
बिन मतलब सरकार, भेजती है अब घर पर 
एक नहीं दो बोतल मिल जाएँ ऑर्डर पर 
सुविधा कितनी देती है सरकार बताओ 
फिर भी गाली देते हो उसको जब चाहो
-0-

13 comments:

  1. "संबंधों को हमने बना दिया है बौना
    कैसा दुष्ट प्रहार किया तूने कोरोना।"
    - उत्तम!
    - सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर एवं रोचक ढंग से वर्तमान संकट के चित्र प्रस्तुत करती हैं। साधुवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएँ!

    कुँवर दिनेश

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  2. वर्तमान के हालातों को चित्रित करती बहुत बढ़िया ,रोचक कुंडलियाँ ।हार्दिक बधाई ।

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  3. आज के यथार्थ को बखूबी दर्शाती सुन्दर रचनाएँ,हार्दिक बधाई आपको आदरणीय !

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  4. जीवन में सुख - दुःख और दूध तथा शराब पर के केंद्रित रचना ; कोरोना की धुरी पर घूमते हुए - अच्छी रचना ।
    बधाई

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  5. बदले हुए हालात पर सटीक , वाह।

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  6. समकालीन हालात का सुंदर चित्रण, हार्दिक बधाई।
    PJK Reet

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  7. मौजूदा हालात का सुंदर चित्रण करतीं बढ़िया रचनाएँ। हार्दिक बधाई।

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  8. कोरोना का काँटा,शिष्टाचार, हट्टी पर ताला और अब घर पर मिलेगी सभी कवितायें सामायिक हैं, डॉ गिरिराज शरण जी बहुत बढ़िया ,हार्दिक बधाई स्वीकारें |

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  9. रोचक ढंग से की सुंदर प्रस्तुति, बधाई आपको गिरिराज जी।

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  10. समसामयिक एवं रोचक प्रस्तुति!
    हार्दिक बधाई आदरणीय गिरिराज शरण जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  11. कोरोनाकाल की अलग अलग परिस्थितियों पर बहुत सुन्दर रचनाएँ. बधाई गिरिराज शरण जी.

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  12. बहुत सामायिक और धारदार व्यंग्य से भरी रचनाएँ...| सुन्दर रचनाओं के लिए बहुत बधाई गिरिराज जी को...|

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  13. कोरोना महामारी पर कटाक्ष करती हुई कुंडलियों और दोहे का सार्थक सृजन । बधाई
    गिरिराज शरण भाई व
    विभा रश्मि

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